दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एलटीसी घोटाले में भाजपा के सांसद बृजेश पाठक के खिलाफ कार्यवाही को निरस्त कर दिया है। इस घोटाले में कई पूर्व सांसदों के नाम सामने आए थे।
न्यायमूर्ति आई एस मेहता ने पाठक द्वारा दायर उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज सीबीआई के मामले को निरस्त करने की मांग की थी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मौजूदा याचिका को स्वीकार किया जाता है। सीबीआई केस को भी निरस्त किया जाता है।’’ पाठक ने उच्च न्यायालय से यह मांग की थी कि उनके खिलाफ एक निचली अदालत द्वारा दायर समनों और सीबीआई केस को निरस्त किया जाए।
पाठक बसपा के सदस्य रहे हैं और 20 फरवरी 2015 को अपने खिलाफ जारी समनों की तामील करते हुए 25 मार्च 2015 को अदालत के समक्ष पेश हो जाने पर अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।
सीबीआई ने 12 जून 2014 को इन आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था कि वर्ष 2011 से 2013 तक तत्कालीन राज्यसभा सदस्य पाठक ने अज्ञात निजी लोगों के साथ कथित तौर पर साजिश रची और आठ साथियों की टिकट के मद में अतिरिक्त राशि की अदायगी के लिए राज्य सभा सचिवालय के भुगतान एवं लेखा कार्यालय में 2,19,887 रूपए का दावा पेश किया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया था कि पाठक ने आठ टिकटों के लिए सिर्फ 10,499 रूपए भरे थे और अनुचित तरीके से सरकार से 2,09,338 रूपए की अतिरिक्त राशि की मांगी।
हालांकि सीबीआई ने आरोप पत्र में पाठक का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं किया था।
( Source – PTI )