राहुल गांधी का हिंदू बनाम हिंदुत्ववादी वाला भाषण बना मजाक का पात्र

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आरबीएल निगम

राहुल गाँधी के भाषणों का विरोधी मजाक जरूर बनाते हैं, लेकिन वह कांग्रेस की सच्चाई सार्वजनिक कर रहे हैं। कांग्रेस प्रारम्भ से लेकर आज तक अपने आपको हिन्दू हितैषी बताती है, लेकिन मुग़ल युग में हिन्दू मंदिरों को मस्जिद, दरगाह एवं कब्रिस्तानों में बदलने को वास्तविक रूप देने पर उन्हें सच्चाई छुपाकर विवादित बना दिया। दूसरे, महात्मा गाँधी के वध पर चितपावन ब्राह्मणों का नरसंहार कांग्रेस राज में हुआ था, जिस पर आज भी कोई बोलने को तैयार नहीं; गो-वध का विरोध कर रहे निहत्ते साधु-संतों पर गोलियां चलवाकर उनके खून से 7 नवंबर 1966 को पार्लियामेंट स्ट्रीट कांग्रेस राज में लाल हुई थी; रामजन्मभूमि पर कोर्ट में झूठ बोला ; मलियाना में मुसलमानों का नरसंहार और 1984 में सिखों का नरसंहार आदि कांग्रेस राज में ही हुआ। इतना ही नहीं, यूपीए राज में घोर हिन्दू विरोधी Anti-Communal Violence Bill बना था, सौभाग्यवश, बिल पारित नहीं हुआ।

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन ISIS और बोको हराम से करने के बाद उपजे विवाद पर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा हिंदू और हिंदुत्व में अंतर बताने के बाद अब उन्होंने एक बार फिर दोनों को परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्ववादी पीछे से पीठ में चाकू मारता है, जबकि हिंदू आगे से। राजस्थान की राजधानी जयपुर की रैली में रविवार (12 दिसंबर) को बोलते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि 2014 से सत्ता में हिंदुत्ववादी बैठे हैं और इन्हें सत्ता से बाहर करना है।

रैली को संबोधित करते हुए राहुल गाँधी ने कहा, “किसानों की जो आत्मा है… उनका जो दिल है… छाती में चाकू मारा…। और भाईयों और बहनों… आगे से नहीं… यूँ नहीं (चाकू मारने का प्रक्रिया बताते हुए)… यूँ (एक सुरक्षाकर्मी के पीछे जाकर चाकू मारने का संकेत हुए)। आगे से नहीं, पीछे से। क्यों? क्योंकि वो हिंदुत्ववादी है। हिंदू अगर मारता तो आगे से मारता। हिंदुत्ववादी है तो पीछे से मारेगा।

राहुल गाँधी ने हिंदू और हिंदुत्व के बीच अंतर को दोहराते हुए कहा कि हिंदूवादी सत्य के लिए मरता है, लेकिन हिंदुत्ववादियों को सत्य को कोई लेना देना नहीं होता। उन्होंने कहा कि एक हिंदू के लिए सत्य उसका पथ होता है। वह आजीवन सत्य की खोज में रहता है और सत्य के लिए ही मरता है। महात्मा गाँधी का उदाहरण देते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि उन्होंने पूरे जीवन सत्य की खोज की, लेकिन हिंदुत्ववादी गोडसे ने उनके सीने में तीन गोलियाँ मारकर उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी।

रैली में बोलते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि हिंदू और हिंदुत्व एक नहीं हो सकते। जैसे दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, उसकी तरह दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता। हर शब्द का अलग मतलब होता है। एक हिंदू सत्य की खोज में कभी झुकता नहीं है, लेकिन एक हिंदुत्ववादी को नफरत से भरा होता है, क्योंकि उसके मन में खौफ होता है। रैली में जुटे कार्यकर्ताओं से कहा कि अब वक्त आ गया है कि सत्ता में बैठे हिंदुत्ववादियों को हटाकर हिंदुओं को लाया जाए।

उन्होंने कहा, “मैं हिंदू हूँ, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं हूँ। इस देश में दो शब्दों का टक्कर है। महात्मा गाँधी हिंदू थे और गोडसे हिंदुत्ववादी था।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि आज देश के सारे संस्थान एक संगठन और एक हाथ में है। हर मंत्री के दफ्तर में संघ के OSD बैठे हैं।

ऐसे में राहुल गाँधी को नाथूराम गोडसे के 150 बयानों को जरूर पढ़ना चाहिए। और अपनी ही पार्टी से पूछें कि गोडसे को सार्वजनिक होने पर क्यों प्रतिबन्ध लगाया गया था?

इसके पहले नवंबर में राहुल गाँधी ने कहा था, “हिंदुस्तान में 2 विचारधाराएँ हैं, एक कॉन्ग्रेस पार्टी की और एक RSS की। आज के हिन्दुस्तान में बीजेपी और RSS ने नफरत फैला दी है और कॉन्ग्रेस की​ विचारधारा जोड़ने, भाईचारे और प्यार की है। उनका कहना है कि आरएसएस की विचारधार आज प्यार-भाईचारे पर हावी हो गई है।”

भाजपा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आगे कहा था, “बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है। हिंदू और हिंदुत्व में क्या फर्क है, क्या ये एक हो सकते हैं? अगर हैं तो इनका नाम क्यों एक जैसा नहीं है। ये सच में अलग हैं। क्या हिंदू धर्म में ये है कि सिख और मुस्लिम को पीटा जाए? हिंदुत्व में ये है।”

उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं और उज्जैनवासियों की सुगमता के लिए उज्जैन में महाकाल रोड पर होटल और उनके मालिकों के नाम इस प्रकार हैं, यानि राहुल गाँधी के हिन्दू Vs हिन्दुत्व का चक्कर-

होटल का नाम- शंकरा गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग, उज्जैन

होटल के मालिक- अब्दुल रऊफ खान।

होटल का नाम- शिवकृपा
पता- महाकाल मार्ग, उज्जैन

होटल के मालिक- नवाब।

होटल का नाम- अमृत पैलेस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- जावेद कुरैशी

होटल का नाम- संगम पैलेस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- जहीर खान

होटल का नाम- कल्पना पैलेस
पता-महाकाल मार्ग, उज्जैन

मालिक- सोहेल खान

होटल का नाम- रॉयल
पता- महाकाल मार्ग

मालिक- रईस खान

होटल का नाम – सिल्वर स्वीट्स गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- जुबेर अहमद

होटल का नाम- एप्पल
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- कलील

होटल का नाम- हाईलाईट
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- अनीस शेख

10.होटल का नाम – सिटी पैलेस

पता – महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- मुस्तकीम।

11.होटल का नाम- सफॉयर

पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- करीम खान।

होटल का नाम- प्रिंस गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- शहनवाज खान।

होटल का नाम- संजर पैलेस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- मो. याकूब।

होटल का नाम -उज्जैन गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- सिकन्दर लाला।

होटल का नाम- सागर गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन

मालिक- बाबू खान।

बाहर से आने वाले अपने मित्र और रिश्तेदारों को अवश्य प्रेषित करें , उनकी सुविधा के लिए कृपया इन होटलों से बचें ।

महाकाल मंदिर के पास भारत माता मंदिर में रुके वो संघ का है और बहुत सस्ता है और हमारा धर्म भी बचा रहेगा।

वहां तुम्हारी शुद्धता और पवित्रता दोनों भंग नही होगी।

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