भ्रष्टाचार के विरुद्ध आप की ऐतिहासिक पहल

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 helplineदेश के रोम-रोम में समा चुके भ्रष्टाचार से त्रस्त लोगों को वैकल्पिक राजनीति का सपना दिखाने वाली तथा देश को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी ने गत् 5 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक सार्वजनिक सभा में भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाईन जारी कर एक बेहद अनूठी व सराहनीय पहल की है। वैसे तो सभी राजनैतिक दल व उनके बड़बोले नेता भ्रष्टाचार विरोधी लफ्फाजी हांकने में बहुत माहिर हैं। परंतु यदि सच कहा जाए तो ऐसे नेताओं की ह$की$कत उनकी लफ्फाजी व बड़बोलेपन से बिल्कुल विपरीत है। यूं समझा जाना चाहिए कि देश की पारंपरिक राजनीति में सक्रिय राजनैतिक दलों के राजनेता यदि जनता के बीच भ्रष्टाचार विरोधी भाषण देते हैं तो पिछले दरवाज़े से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं तथा $खुद भी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहते हैं। ज़ाहिर है जिनकी कथनी और करनी में इतना बड़ा अंतर हो तथा जो लोग राजनीति को कमाने-खाने का धंधा समझ कर राजनीति को पेशे के रूप में अपना चुके हों वे भला भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाईन चलाने की हि मत कैसे जुटा सकेंगे? परंतु दिल्ली के मु यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आखिरकारअपने चुनावी वादों में से एक प्रमुख वादा यानी दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए जानेकी दिशा में एक ठोस $कदम उठाकर यह प्रमाणित कर दिया कि उनकी व उनके सहयोगी नेताओं की नीति व नीयत में कोई खोट या अंतर नहीं है।

तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच जारी की गई एंटी करप्शन अथवा भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाईन 1031 पर दिल्ली के किसी भी कोने से कोई भी व्यक्ति किसी भी मोबाईल $फोन अथवा लैंडलाईन $फोन के ज़रिए कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। 1031 पर किसी व्यक्ति की शिकायत आने के बाद तत्काल उस शिकायत की सत्यता की जांच के लिए शिकायत को दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी जांच दल को सौंप दिया जाता है। केवल दिल्ली में फैले भ्रष्टाचार का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हेल्पलाईन शुरु होने के पहले ही दिन अर्थात् 6 मार्च को राजधानी से 1273 शिकायतें इस हेल्पलाईन द्वारा दर्ज की गईं। इनमें अधिकांश शिकायतें दिल्ली पुलिस,एमसीडी,शिक्षा विभाग,ट्रांसपोर्ट विभाग,जल बोर्ड तथा दमकल आदि विभागों से संबद्ध थीं। आम आदमी पार्टी ने चुनाव पूर्व दिल्ली की जनता से जो प्रमुख वादे किए थे उनमें बिजली की $कीमतें आधी करना, पानी मुहैया कराना, दिल्ली में पर्याप्त मात्रा में स्कूल व कॉलेज खोलना, दिल्ली को फ्री वाई$फाई युक्त करना जैसी कई बातें तो शामिल थीं ही साथ-साथ दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त राजधानी बनाए जाने जैसा संकल्पÓ भी शामिल था। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि 1031 हेल्पलाईन नंबर जारी कर आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुखर होने का हथियार समस्त दिल्लीवासियों के हाथों में सौंप दिया है। अब यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे अथवा अपनी मरज़ी व अपनी सुविधा के अनुसार किसी अधिकारी अथवा क्लर्क को पैसे देकर ही अपना काम निकालने की कोशिश करे तो इसमें किसी क्लर्क,अधिकारी अथवा सरकार का दोष नहीं है। बल्कि स्वयं उस व्यक्ति का ही दोष माना जाएगा जो पैसा देकर ही अपना काम कराने का इच्छुक है या उसका आदी हो चुका है.

भ्रष्टाचार इस समय हमारे देश में इस हद तक अपनी जड़ें गहरी कर चुका है कि इसका विरोध करते हुए देश में कई होनहार व $काबिल तथा ईमानदार आईएस,आईपीएस अधिकारी,इंस्पेक्टर तथा प्रथम श्रेणी के कई अधिकारियों की हत्या तक करा दी गई है। कई आरटीआई कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता भ्रष्टाचार जैसे दानव की भेंट चढ़ गए। क्या कोई सत्तारुढ़ दल तो क्या कोई विपक्षी पार्टी सभी में भ्रष्ट व अयोग्य नेताओं की भरमार देखी जा सकती है। लगभग सभी राजनैतिक दलों में भ्रष्टाचारक पोषण करने वाले तथा इसे संरक्षण देने वाले राजनेता आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें कई जेल जा चुके हैं,कईयों पर मु$कद्दमे चल रहे हैं तो कई ऐसे भी हैं जो अपने-आपको भ्रष्टाचार के आरोपों से बचा पाने में अपनी चतुराई से सफलता पा जाते हैं। यदि यह कहा जाए कि अधिकांश राजनैतिक दलों में राजनेताओं का बहुमत भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के पक्ष में है तो यह कहना $गलत नहीं होगा। अन्यथा क्या कारण है कि आज तक किसी भी राजनैतिक दल के प्रमुख ने इस प्रकार की भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाईन जारी करने की ज़रूरत महसूस नहीं की? ऐसा भी नहीं है कि देश के सभी नेता अथवा सभी अधिकारी भ्रष्ट हैं। परंतु ऐसा ज़रूर देखा गया है कि देश के कई अधिकारियों ने अपने कार्यालय के बाहर अपना व्यक्तिगत् $फोन नंबर इस आशय से सार्वजनिक किया कि यदि उनके कार्यालय का कोई व्यक्ति रिश्वत मांगे तो प्रभावित व्यक्ति अधिकारी को तत्काल $फोन पर सूचित करे। अ$फसोस की बात तो यह है कि ऐसे अधिकारियों की हौसला अ$फज़ाई करने के बजाए ऐसे अधिकारी का अन्यत्र स्थानांतरण होते हुए अवश्य देखा गया है।

देश में निश्चित रूप से अधिकांश समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा है। आज देश में भ्रष्टाचार का जो भी वातावरण देखा जा रहा है उसे पालने-पोसने में कांग्रेस पार्टी व उसके नेताओं का निश्चित रू प से बहुत बड़ा हाथ रहा है। कई पार्टियों के अधिकतर नेता ऐसे हैं जिनकी यदि पृष्ठभूमि देखी जाए तो आर्थिक रूप से कमज़ोर ही नज़र आएगी। परंतु राजनीति में पदार्पण के बाद तथा कि सी मलाईदार पद पर आसीन होने के बाद ऐसे लोग करोड़ों की संपत्ति के मालिक भी दिखाई देंगे। देश का दूसरा प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी जो इस समय पूर्ण बहुमत के साथ केंद्रीय सत्ता संचालित कर रही है वह भी स्वयं को चाहे सांस्कृतिक राष्ट्रवादी कहें अथवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह लच्छेदार वाक्य बोलते फिरें कि हम न खाएंगे न किसी को खाने देंगे, चाहे उनका गृहराज्य गुजरात हो अथवा उनके मंत्रिपरिषद के नितिन गडकरी जैसे सदस्य या फिर और भी कई नेता व सांसद सभी पर भ्रष्टाचार के कोई न कोई आरोप लगते रहे हैं। हद तो उस समय हो गई थी जबकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के मात्र एक माह के भीतर ही उनके रेलमंत्री सदानंद गौड़ा की संपत्ति केवल एक माह में दोगुनी होने के समाचार मिले। गुजरात में ही एक भाजपाई सांसद जोकि रेत मा$िफया था उसने एक आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या करवा दी। बंगारू लक्ष्मण तथा दिलीप जूदेव जैसे भाजपाई नेता जो आज इस संसार में नहीं रहे परंतु भष्टाचार के संबंध में इनके कारनामे तथा इनके भ्रष्टाचार संबंधी उद्गार हमेशा इतिहास में दर्ज रहेंगे। क्षेत्रीय पार्टियों का भी कमोबेश यही हाल है। देश को लूटने व बेच कर खाने में गोया एक-दूसरे राजनैतिक दलों व राजनेताओं में प्रतिस्पर्धा चल रही हो।

भ्रष्टाचार में डूबे ऐसे वातावरण में आप द्वारा दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए जाने का प्रयास करना भ्रष्टाचार के अंधेरे में एक दीपक जलाए जाने जैसा सकारात्मक व सराहनीय प्रयास है। यदि आम आदमी पार्टी दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के इस प्रयास में सफल हो जाती है या इस दिशा में आधी सफलता भी हासिल करती है तो यह पूरे देश के लिए एक आदर्श परीक्षण होगा। देश में फैले भ्रष्टाचार से त्रस्त पूरे देश की जनता को ऐसे निर्णय का स्वागत करना चाहिए तथा भविष्य में ऐसा $कदम खुलकर उठाने वाले राजनैतिक दलों अथवा नेताओं को ही अपना समर्थन देना चाहिए। भ्रष्टाचार निश्चित रूप से हमारे देश में फैली $गरीबी,पिछड़ेपन व आर्थिक तंगी व बदहाली के लिए सबसे अधिक जि़ मेदार है। टैक्स चोरी,काला धन,योग्य व्यक्ति की अवहेलना तथा अयोग्य व्यक्ति को शिरोमणि समझना जैसी तमाम बातों की जड़ भ्रष्टाचार में ही निहित है। यदि देश से भ्रष्टाचार का $खात्मा हो गया तो देश की विकास में आने वाली तमाम अड़चने स्वयं दूर हो जाएंगी। देश की जनता को ऐसी किसी भी मुहिम में अपना पूरा सहयोग व समर्थन देना चाहिए।

 

-निर्मल रानी

 

 

3 COMMENTS

  1. नई दिल्ली। IBN7 ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हेल्पलाइन को लेकर अपने खुफिया कैमरे के साथ दिल्ली में पड़ताल की। इस पड़ताल में ये जानने की कोशिश की गई है कि 1031 यानी दिल्ली के सरकार की हेल्पलाइन का जनता पर क्या असर पड़ा है। क्या वाकई ये हेल्पलाइन अपनी मुहिम में कामयाब है?

    लेकिन पड़ताल से एक कड़वी हकीकत सामने आई है। साथ ही इस मुहिम का असर जानने के लिए केजरीवाल की हेल्पलाइन 1031 पर भी शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन वहां से एक चौंका देने वाला जवाब मिला। हेल्पलाइन पर फोन करने पर कहा जाता है कि जब तक आपके पास कोई सबूत नहीं हो तो आप कुछ नहीं कर सकते। इस स्थिति में आपकी मदद नहीं की जाएगी।

    साथ ही इस पड़ताल में दिल्ली के कई रेहड़ी वालों और ठेले वालों से बातचीत की गई, जहां उन्होंने चौंकाने वाला सच बताया। उन्होंने बताया कि उनसे न केवल पुलिस वाले बल्कि एमसीडी वाले भी पैसे वसूल करते हैं। साथ ही उनका कहना है कि पुलिस की शिकायत करने का मतलब है कि जल में रहकर मगरमच्छ से बैर करना है। इसलिए वो इस बात की किसी से भी शिकायत नहीं करते हैं।

    इस पड़ताल का पहला सच दिल्ली के मयूर विहार इलाके में एक रेहड़ीवाले ने बताया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में अभी भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ, बस रिश्वतखोरी के तरीके बदल गए हैं। उसके बाद दिल्ली के लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट की पड़ताल की गई।

    इस दौरान टीम ने एक दुकानदार को बताया कि हम भी एक सड़क पर एक दुकान सजाना चाहते हैं। इस बात को लेकर उन्होंने दिल्ली पुलिस की सारी कहानी बयां कर दी। उन्होंने बताया कि उनसे दुकान लगाने के लिए पैसे लिए जाते हैं और वो उनके अनुसार केजरीवाल की हेल्पलाइन हेल्पलेस है।

  2. मैं इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता कि इस हेल्प लाइन से दिल्ली वासियों को लाभ होगा या नहीं,पर एक बात अवश्य कहूंगा कि आम आदमीपार्टी के जिस आपसी विवाद को इतना उछाला जा रहा है,उसका दिल्ली के शासन पर कोई प्रभाव अभी तक तो दृष्टिगोचर नहीं हो रहा है.रही बात सब्सिडी की,तो यह कदम बहुत सोच समझ कर उठाया हुआ लगता है.हो सकता है कि इस वार्षिक १८०० करोड़ रूपये के खर्च वाली योजना को चलाने के लिए दिल्ली सरकार गोल्फ कोर्स को दी जाने वाली वार्षिक ३००० करोड़ की सब्सिडी बंद कर दे.ऐसे भी अगर भ्रष्टाचार और लूट में कमी आ जाए तो दिल्ली सरकार का वार्षिक बजट इस सब कामों के लिए कम नहीं है.अरविन्द केजरीवाल तो बार बार कहते हैं कि पैसों की कमी नहीं है,खोट नियत में है.

  3. लेखिका ने ये तो बताया कि एक दिन में इतनी काल्स आ गयी, असली परीक्षा तो तब होगी जब लेखिका ये आंकड़े भी देंगी कि कितने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ केस दर्ज हुए और कितनो को सजा दिलाई गयी. इन फोन लाइनों से कुछ नहीं होने वाला. हेल्प लाइन तो दिल्ली पुलिस की भी है, क्या इससे अपराध और बलात्कार रुक गए? रही बात बिजली के बिल आधे और पानी के बिल पूरे माफ़ करने की बात. ये आँख में धूल झोंकने जैसा है. पहली बात तो ये कि ये टर्म्स & कंडीशन चुनाव से पहले क्यों नहीं बताई? दूसरी बात ये है कि बजट तो सीमित है. उसे चाहे जैसे खर्च करो. यदि बिजली-पानी पर अनुदान हल होता तो सारी समस्याएं हल हो जाया करती. ये सब्सिडी जनता को सड़क, आधारभूत ढाँचे, शिक्षा, स्वास्थ्य में कटौती के मूल्य पर मिली है, कहीं न कहीं बजट में कटौती तो करनी ही पड़ेगी. एक चीज़ फ्री में मिल रही है तो किसी दूसरी सुविधा में कमी होना ज़रूरी है. ये कुछ नहीं, बस देश को भिखारी बनाने के ढंग हैं. देश के नागरिकों का जीवन-स्तर मुफ्त में नहीं सुधरता. ये समस्या का पूर्ण समाधान नहीं बल्कि तात्कालिक इलाज है. वैसे भी आपियों को लड़ने-झगड़ने से फुर्सत मिले तो कुछ दिल्ली के बारे में सोंचे. जनता को बस झुनझुने ही पकडाते रहेंगे.

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