वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण ताजमहल

1
198

-बीनू भटनागर-
humanity

1.
वास्तुकला का
अद्भुत उदाहरण
ताजमहल।
2
ओस के कण
पल्लव से बिखरे
है भूमि नम।
3.
समय बहे
अविरल प्रवाह
एक रफ़्तार।
4.
ये कर्णप्रिय
संगीत समारोह
अभिनंदन।
5.
गीत संगीत
सुर ताल संगम
नाद सुरीला।
6.
लाख की चूड़ी
बंधिनी लहरिया
लावेंगे पिया।
7.
नीला आकाश
चमकीली दोपहर
भीषण गर्मी।
8.
नदिया बहे
अविरल प्रवाह
प्राण दायिनी।
9.
परमपिता
कण-कण में बसा
सृष्टि में व्याप्त।
10.
यमुना तट
राधा कान्हा से मिलीं
बांसुरी गूंजी।

Previous articleकोली की फांसी पर फिर मुहर से ‘तसल्ली’
Next articleमानवता का खून (15 मई 1948)
बीनू भटनागर
मनोविज्ञान में एमए की डिग्री हासिल करनेवाली व हिन्दी में रुचि रखने वाली बीनू जी ने रचनात्मक लेखन जीवन में बहुत देर से आरंभ किया, 52 वर्ष की उम्र के बाद कुछ पत्रिकाओं मे जैसे सरिता, गृहलक्ष्मी, जान्हवी और माधुरी सहित कुछ ग़ैर व्यवसायी पत्रिकाओं मे कई कवितायें और लेख प्रकाशित हो चुके हैं। लेखों के विषय सामाजिक, सांसकृतिक, मनोवैज्ञानिक, सामयिक, साहित्यिक धार्मिक, अंधविश्वास और आध्यात्मिकता से जुडे हैं।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress