रोहतक: आरक्षण को लेकर भड़के आंदोलन के दौरान उपद्रवियों ने रोहतक में एक विधवा का ढाबा जला डाला था। विधवा ने तब न्याय की गुहार लगाते हुए कहा था कि उसका क्या कसूर था जो उसके रोजी-रोटी के एक मात्र साधन को फूंक डाला। जिले में हालातों के सामान्य होने के बाद विधवा महिला चंचल के लिए एक बार फिर से उम्मीद की आस जगी है। चंडीगढ़ की जाट समिति ने महिला के ढाबे को एक बार फिर से खड़ा करने में मदद की है है। समिति ने फ्रीज, जूसर, फर्नीचर, सब्जियां व बर्तन आदि गिफ्ट कर ढाबा दोबारा शुरू करवाया है। विधवा महिला की दो बेटिया हैं और उनके गुजर-बसर का ढाबा ही एक सहारा है। चं
डीगढ़ की जाट सेवा समिति ने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए मदद के लिए हाथ बढ़ाए और महिला के लिए रोजगार शुरू किया। वहीं समिति सदस्यों ने कहा कि वे प्रदेश में दूसरे पीड़िता की भी मदद करेंगे। दूसरी ओर सरकारी सर्वे में पीड़िता ने साढ़े पांच लाख रुपए देने की मांग की है। मंगलवार को समिति सदस्यों ने महिला से ढाबे का उद्घाटन करवाया था।