कलिंग

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वीर वह होते हैं

जो सम्राट के बिना भी लड़ते  हैं,

लड़ते हैं बिना अस्त्र के 

लड़ते हैं बिना सस्त्र के।

क्योंकि युद्ध अस्त्र सस्त्र से नहीं

हाथी घोड़े से नहीं

लड़ा जाता है अपनी स्वाभिमान से । 

उन्हें पूछो जो लड़ गए

रक्त को सस्त्र  बनाके

और हरा दिए एक  नदीकी  पानी को

अपनी अपनी रक्त की अभिमान  से।

रणभूमि कांप उठा एक बच्चे की ललकार से

जो दूध  नहीं छोड़ा था

पर तलवार पकड़ लिया

वीरता की अहंकार से।

उस बच्चे को पूछो जो

दुनिया को सीखा दिया

युद्ध कैसे लढा जाता है

अपनी मृत्यु की हूंकार से।

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माधब चंद्र जेना
माधब चंद्र जेना का जन्म 10 जून 1980 को ओडिशा के जाजपुर जिले के ईशानपुर में हुआ था। इस बहुमुखी लेखक की उल्लेखनीय कृतियों में "अlलोक" "बरशा," "खराबेल ओ फेरीबाला," उड़िया में और "गॉड एंड घोस्ट," "ब्लैक एंड ोथेर्स " और "लेट मी गो टू हेल" अंग्रेजी में शामिल हैं । उनके लेखन ने भाषाई सीमाओं को पार कर लंदन ग्रिप, म्यूज़ इंडिया, इंडियन रिव्यू, द चैलेंज, फेनोमेनल लिटरेचर और द वर्बल आर्ट जैसी प्रतिष्ठित अंग्रेजी पत्रिकाओं के साथ-साथ प्रजातंत्र सप्ताहिकी, आइना, समाज जैसी ओडिया पत्रिकाओं में जगह बनाई है। इसके अलावा उनके शोध पत्र वैश्विक ख्याति की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए, जिनमें स्प्रिंगर, विली और टेलर फ्रांसिस आदि शामिल हैं।

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