नोएडा एक्सटेंशन जमीन अधिग्रहण को रद्द करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
नई दिल्ली,। उच्चतम न्यायालय ने आज अपने एक अहम फैसले में नोएडा एक्सटेंशन के लिए ज़मीन अधिग्रहण को रद्द करने की मांग करने वाली किसानों की याचिका ख़ारिज कर दी है । नोएडा के क़रीब 65 गांवों के किसानों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर अधिग्रहण को रद्द करने की मांग की थी । उनकी दलील थी कि औद्योगिक विकास के लिए ज़मीन ली गई थी। लेकिन जमीन को बिल्डरों को बेच दिया गया। इसलिए अधिग्रहण रद्द कर उनकी जमीन उन्हें वापस की जाए ।केंद्रीय अदालत ने उनकी याचिका रद्द करते हुए किसानों को साढ़े आठ सौ रुपए प्रति गज की दर से मिलने वाले मुआवजे को बढ़ाकर 14 सौ रुपए प्रति गज कर दिया । इसके अलावा विकसित जमीन का दस प्रतिशत हिस्सा किसानों को दिए जाने का भी आदेश दिया है। किसानों की याचिका रद्द करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अब जब नोएडा एक्सटेंशन में बड़ी-बड़ी इमारतें बन चुकी हैं और एक तीसरा पक्ष भी उसमें शामिल हो चुका है, ऐसे में ज़मीन किसानों को वापस नहीं की जा सकती है ।सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद किसान संघर्ष समिति के दुष्यंत नागर ने बताया कि इस फ़ैसले के खिलाफ बड़ी पीठ में अपील की जाएगी। इसके पहले अक्तूबर 2011 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा एक्सटेंशन के गांव देवला, शाहबेरी और असदुल्लापुर में हुए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया था ।