केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि अलग गोरखालैंड की मांग के आन्दोलन से प्रभावित दार्जीलिंग और कलिम्पोंग में कानून व्यवस्था बनाने के लिये केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की चार अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जा रही हैं।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडर की तीन सदस्यीय खंडपीठ से सरकार ने कहा कि दार्जीलिंग और कलिम्पोंग में रिजर्व पुलिस बल की 11 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं और उसने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये चार कंपनियां और भेजने का फैसला किया है।
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी आज सरकार से कहा है कि वहां केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की चार अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जायें और वह यह अतिरिक्त अद्धसैनिक बल वहां भेज रही है।
पीठ ने स्पष्ट किया कि पहले से ही तैनात 11 कंपनियों और अब भेजी जा रही चार अतिरिक्त कंपनियों का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल सरकार सिर्फ दार्जीलिंग और कलिम्पोंग जिलों में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये ही करेगी।
पीठ ने प्राधिकारियों को यातायात सुगम बनाने और पश्चिम बंगाल के सिलीगुडी को सिक्किम से जोडने वाली एक मात्र सडक राष्ट्रीय राजमार्ग-10 पर वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
पीठ ने कहा, ‘‘ यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि इन इलाकों के निवासियों को समझना चाहिए कि कानून व्यवस्था बने रहना और शांति के साथ रहना प्रगतिशील सभ्यता का प्रतीक है और इसलिए वे यह भी देखेंगे कि निर्बाध रूप से लोगों के आवागमन पर किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं पडे।’’ शीर्ष अदालत ने सिक्किम की याचिका पर यह आदेश दिया । सिक्किम ने इस याचिका में देश के शेष हिस्से से जोडने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-10 पर चलने वाले वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
( Source – PTI )