पहले कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने अपनी बलखाती गेंदों का कमाल दिखाया जबकि बाद में शिखर धवन ने नाबाद शतकीय पारी खेली जिससे भारत ने तीसरे और निर्णायक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में आज यहां श्रीलंका को आसानी से आठ विकेट से हराकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की।
भारत के सामने बल्लेबाजी के लिये अनुकूल पिच पर जीत के लिये बड़ा लक्ष्य नहीं था। उसने 32.1 ओवर में दो विकेट पर 219 रन बनाकर मैच को एकतरफा बना दिया। धवन 85 गेंदों पर 100 रन बनाकर नाबाद रहे और इस बीच वनडे में 4000 रन पूरे किये। उन्होंने अय्यर के साथ दूसरे विकेट के लिये 135 रन जोड़े। दिनेश कार्तिक 26 रन बनाकर नाबाद रहे।
पहले बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाले श्रीलंका की तरफ से सलामी बल्लेबाज उपुल थरंगा ने 82 गेंदों पर 95 रन बनाये जिसमें उन्होंने 12 चौके और तीन छक्के जड़े। उन्होंने सदीरा समरविक्रम (42) के साथ दूसरे विकेट के लिये 121 रन जोड़े, लेकिन यह साझेदारी टूटते ही श्रीलंका की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी।आखिरी आठ विकेट 55 रन के अंदर गंवाने के कारण श्रीलंकाई टीम 44.5 ओवर में 215 रन पर ढेर हो गयी।
श्रीलंका की इस दशा के लिये कुलदीप (42 रन देकर तीन) और चहल (46 रन देकर तीन विकेट) जिम्मेदार रहे जिन्होंने बीच के ओवरों में उसकी बल्लेबाजी की कमर तोड़ी। आलराउंडर हार्दिक पंड्या ने 49 रन देकर दो विकेट हासिल करके पुछल्ले बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा जबकि जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार को एक एक विकेट मिला।
भारत ने इस तरह से लगातार आठवीं बार वनडे द्विपक्षीय श्रृंखला जीती और श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर कोई सीरीज नहीं गंवाने का अभियान जारी रखा। धर्मशाला में पहला वनडे जीतने वाले श्रीलंका के पास भारत में पहली बार श्रृंखला जीतने का बेहतरीन मौका था लेकिन फिर से उसके बल्लेबाजों ने उसे निराश किया। श्रीलंका 1997 के बाद से भारत के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं जीत पाया है।
भारत ने इससे पहले श्रीलंका से टेस्ट श्रृंखला 1-0 से जीती थी। अब इन दोनों टीमों के बीच टी20 श्रृंखला खेली जाएगी जिसका पहला मैच 20 दिसंबर को कटक में खेला जाएगा। भारत ने भी कप्तान और पिछले मैच में रिकार्ड तीसरा दोहरा शतक जड़ने वाले रोहित शर्मा (सात) का विकेट जल्दी गंवा दिया था जो गेंदबाजी का आगाज करने वाले आफ स्पिनर अकिला धनंजय पर छक्का जड़ने के बाद चकमा देने वाली गेंद पर बोल्ड हो गये। धवन ने यहां पर जिम्मेदारी भरी पारी खेली जबकि दूसरे छोर पर अय्यर ने शुरू में गेंदबाजी को परखने के बाद हाथ खोले। सचित पातिराना ने उनके खिलाफ रिव्यू लिया जबकि इसी ओवर में पहले एंजेलो मैथ्यूज ने उनका कैच छोड़ा। अय्यर तब 25 रन पर खेल रहे थे।
अय्यर ने हालांकि इसके बाद भी नैसर्गिक अंदाज में शाट जमाये और जोखिम लेकर गेंदबाजों पर दबाव बनाने के अपने कौशल का नमूना पेश किया। नुवान प्रदीप पर थर्डमैन पर चौका और पातिराना पर लांग आन पर छक्का इसका सबूत है। उन्होंने 44 गेंदों में अपना दूसरा वनडे अर्धशतक पूरा किया। धवन ने अपना पचासा पूरा करने के लिये 46 गेंदें खेली। वह धनंजय पर छक्का लगाकर इस मुकाम पर पहुंचे।
अय्यर ने इसके बाद अपना विकेट एकतरह से इनाम में दिया। उनसे जब धैर्य के साथ पारी आगे बढ़ाकर शतक तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी तब उन्होंने तिसारा परेरा की गेंद पर मिडआन पर कैच का अभ्यास कराया। अय्यर ने 63 गेंद की अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया। धवन ने इसके बाद भी एक छोर संभाले रखा। लक्ष्य हासिल करने के लिये रन कम बचे थे और ऐसे में धवन ने शतक के करीब पहुंचने पर तेजी दिखायी। उन्होंने गुणतिलक पर छक्का जमाया और गुणरत्ने पर दो चौके लगाये। इनमें से दूसरे चौके से उन्होंने अपना 12वां शतक पूरा किया। उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और दो छक्के लगाये।
( Source – PTI )