![खादी इकाईयों का आधुनिकीकरण](https://www.pravakta.com/news/wp-content/uploads/sites/3/2016/11/khadi-300x238.jpg)
सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के माध्यम से, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा खादी इकाइयों के आधुनिकीकरण के लिए निम्नलिखित केन्द्रीय योजनाओं को लागू किया जाता है:
- कमजोर खादी संस्थानों को अपने संसाधन बढ़ाने के लिए तथा उनको फिर से सुचारू रूप से कार्यान्वित करने हेतु, केवीआईसी आउटलेट का पुनरूत्थान करने, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड को मजबूत करने एवं बिक्री केन्द्रों की संख्या बढ़ाने हेतु सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
- पारंपरिक उद्योग के उत्थान के लिए कोष (स्फूर्ति) की योजना के माध्यम से खादी समूहों को और अधिक उत्पादक और प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु एवं उनके सतत विकास के लिए सहयोग दिया गया है।
- केवीआईसी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के तहत शोध कार्य का संचालन करने के लिए अग्रणी तकनीकी संस्थानों के साथ इंटरफेस के गठन का फैसला किया है।
2014 के बाद से खादी उत्पादों की बिक्री में वृद्धि हुई है। खादी बिक्री का विवरण निम्न तालिका द्वारा दिया गया है—–
वर्ष | खादी की बिक्री (करोड़ रूपया में) | प्रतिशत बढ़ोतरी |
2013-14 | 1081.04 | – |
2014-15 | 1170.38 | 8.26% |
2015-16 | 1510.00 | 29.02% |
2016-17* | 1810.00 | 19.87% |
*लक्ष्य
( Source – PIB )