
बंबई उच्च न्यायालय ने पुणे की यरवादा जेल में बंद कैदी की फरलो के तहत रिहाई की याचिका को उसके द्वारा पूर्व में मिली इस सुविधा का दुरूपयोग किए जाने और उसके अपराधों की प्रवृत्ति के आधार पर खारिज कर दिया है। पूर्व में वह तय अवधि से ज्यादा समय तक जेल से बाहर रहा था।
न्यायमूर्ति वी के ताहिलरमानी और मृदुला भटकर ने 26 अक्तूबर को चेतन दुंबरे की याचिका को खारिज कर दिया था। वह भारतीय दंड संहिता के तहत लूटपाट करने और जानबूझकर लोगों को नुकसान पहुंचाने का दोषी है।
पीठ ने कहा कैदी ने पूर्व में मिली छुट्टी की सीमा भी लांघी थी और वह जेल से 631 अतिरिक्त दिन तक बाहर रहा था। ‘‘इसलिए अधिकारियांे द्वारा जाहिर किए गए डर का कुछ आधार भी है कि इस बार भी फरलो की छुट्टी की अवधि को लांघ सकता है और शायद समय पर जेल न लौटे।’’
( Source – पीटीआई-भाषा )