दम तोड़ रहीं बीएसएनएल की सेवाएं, अधिकारियों को नहीं परवाह
संजीव प्रताप सिंह

भारत संचार निगम लिमिटेड की मोबाईल और फिक्स लाईन (लेंड लाईन) सेवाएं बुरी तरह लड़खड़ा गयी हैं। आलम यह है कि किसी को भी फोन लगाने पर या तो किसी महिला की आवाज में टेप की गयी आवाज सुनायी देती है या फिर टूंटूं – टूंटूं करते हुए काल ही कट जाता है। कई बार तो बात करते करते ही आवाज गायब हो जाती है।
बीएसएनएल की मोबाईल व्यवस्था इन दिनों बुरी तरह से चरमरायी हुई है। इस कंपनी के मोबाईल धारक पिछले दो महीने से परेशान हैं, लेकिन इस विभाग का आलम यह है कि उन्हें इससे कोई सरोकार ही नहीं दिख रहा है। कभी मोबाईल का नेटवर्क नहीं मिलता है, कभी मोबाईल लगता ही नहीं है तो कभी नॉट रिचेबल बताता है। इस कंपनी के मोबाईल धारक अब परेशान हो चुके हैं।
बताया जाता है कि बीएसएनएल की इस तरह की बाधित सेवाओं के कारण परिवारों में भी विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। एक भुक्त भोगी उपभोक्ता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि बीते कई दिनों से उनके साथ कमोबेश इसी तरह का वाकया सामने आ रहा है।
उक्त उपभोक्ता का कहना था कि वे जब भी घर से बाहर होते हैं और उनकी पत्नि उन्हें फोन करती हैं तो मोबाईल पता नहीं क्यों स्विच्ड ऑफ ही मिलता है। इसको लेकर उनके घर में रोज-रोज कलह की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उनका कहना है कि उनकी पत्नि का आरोप है कि आजकल वे अपना मोबाईल बंद करके कहीं और ही जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके अनेक मित्रों परिचितों ने भी इस तरह की शिकायत लोगों को बतायी है। बताया जाता है कि इस आशय की शिकायत मध्य प्रदेश के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय भोपाल को किये जाने के बाद भी जिले में बीएसएनएल की सेवाओं में सुधार परिलक्षित नहीं हो रहा है।
बताया जाता है कि फिक्स लाईन से मोबाईल या फिक्स लाईन अथवा मोबाईल से मोबाईल या फिक्स लाईन पर फोन लगाने पर कभी ये रूट मौजूद नहीं है, कभी आप जिस उपभोक्ता को डायल कर रहे हैं वे पहुँच के बाहर हैं तो कभी यह नंबर पोर्ट हो गया है, बिना शून्य लगाये डायल करें की ध्वनि वाले टेप सुनायी दे जाते हैं। इस तरह के टेप सुनकर बीएसएनएल के उपभोक्ता बुरी तरह आजिज आ चुके हैं।
शहर में बीएसएनएल की सेवाएं भगवान भरोसे ही चल रही हैं। बताया जाता है कि जिस समय शहर में बिजली की आपूर्ति बाधित होती है उस समय कुछ स्थानों पर बीएसएनएल का नेटवर्क ही गायब हो जाता है। इसका कारण बीएसएनएल के बीटीएस में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था का न होना है।
बताया जाता है कि कमोबेश यही आलम इंटरनेट और ब्रॉडबेण्ड का भी है। इंटरनेट और ब्रॉडबेण्ड के बारे में बार – बार शिकायत करने के बाद भी आपेक्षित सुधार नहीं होने से अब उपभोक्ता धीरे – धीरे बीएसएनएल से विमुख होते जा रहे हैं। अधिकांश उपभोक्ता ऐसे भी हैं जिन्होंने बीएसएनएल का नंबर तो ले रखा है लेकिन उन्होंने अब इनकमिंग और आउट गोईंग के लिये वैकल्पिक सेवाओं का उपयोग करना आरंभ कर दिया है। सरकारी वेतन पाने वाले बीएसएनएल के अधिकारी भी इस ओर ध्यान देते नजर नहीं आते हैं।

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