उल्लेखनीय है कि भारत में वेटिकन का प्रेरितिक राजदूत दाेनाें देशों में राजनीतिक मामलों के अलावा पाेप द्वारा घोषित किए गए बिशपाें की नियुक्ती से लेकर देश भर के कैथोलिक चर्च के मामले पर अपनी दृष्टि रखते है और समय – समय पर देश भर में फैली डायसिस में जाते रहते हैं।
पोप फ्रांसिस ने काप्री के आर्कबिशप लियोपोल्दो जिरेल्ली ( Leopoldo Girelli ) को भारत का प्रेरितिक राजदूत नियुक्त किया है। पिछले कई महीनों से दिल्ली स्थित वेटिकन एम्बेसी बिना राजदूत के ही अपना कार्य कर रही थी। वेटिकन ने 13 मार्च को भारत के लिए नये राजदूत आर्कबिशप लियोपोल्दो जिरेल्ली को नियुक्त करने का ऐलान किया। अब तक वे इजरायल और साइप्रस के प्रेरितिक राजदूत तथा येरुसालेम और फिलिस्तीन के प्रेरितिक प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे हैं।
धर्मशास्त्र में डॉक्टरेट और कैनन लॉ में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले आर्कबिशप जिरेल्ली ने 13 जुलाई 1987 को वेटिकन की राजनयिक सेवा में प्रवेश किया था। कैमरून, न्यूजीलैंड में वेटिकन के राजनयिक मिशनों में और वेटिकन राज्य सचिवालय के सामान्य मामलों के अलावा उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रेरितिक राजदूतावास में काउंसलर के पद पर भी काम किया है।
वेटिकन के मुताबिक 13 जनवरी 2011 को उन्हें सिंगापुर का प्रेरितिक राजदूत, मलेशिया और ब्रुनेई का प्रेरितिक प्रतिनिधि और वियतनाम के लिए गैर-आवासीय परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि (Pontifical Representative) नियुक्त किया गया। उन्हें 18 जून 2011 को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) में प्रेरितिक राजदूत भी नियुक्त किया गया था। वह अपनी मातृभाषा इतालवी के अलावा अंग्रेजी और फ्रेंच भी बोलते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में वेटिकन का प्रेरितिक राजदूत दाेनाें देशों में राजनीतिक मामलों के अलावा पाेप द्वारा घोषित किए गए बिशपाें की नियुकित से लेकर देश भर के कैथोलिक चर्च के मामले पर अपनी दृष्टि रखते है और समय – समय पर देश भर में फैली डायसिस में जाते रहते हैं। पुअर क्रिश्चियन लिबरेशन मूवमेंट ने उम्मीद जताई है कि पोप फ्रांसिस के नए राजदूत चर्च व्यवस्था में शाेषित किए जा रहे कराेड़ाें धर्मान्तरित ईसाइयों की समस्याओं को हल करने का प्रयास करेगें।
दलित ईसाई लंबे समय से वेटिकन से मांग कर रहे हैं कि वे दलित पादरियों की उपेक्षा करने वाली बिशप चुनने की भेदभाव पूर्ण प्रक्रिया को तुरंत हटाएं। वर्तमान समय में वेटिकन ही भारत में बिशप को नियुक्त करता है। अपनी इस मांग के समर्थन में हजारों दलित ईसाईयों ने पिछले महीने पुद्दुचेरी-कुड्डालोर बिशप हाउस तक एक बड़ी रैली भी निकाली थी।