विश्वास योजना से मिल रहा गरीब वर्ग को आर्थिक संभल

सांसद गुप्ता ने विश्वास योजना को लेकर लोकसभा में किया प्रश्न
मंदसौर – केन्द्र सरकार द्वारा गरीब वर्ग को लाभांवित करने के लिए विश्वास योजना शुरू की है जिसको लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया। सांसद गुप्ता ने प्रश्न करते हुए कहा कि विश्वास योजना की विशेषताएं क्या है। इस योजना के तहत  गरीब वर्ग,एससी, ओबीसी और सफाई कर्मचारियों को कोई सब्सिडी प्रदान की जा रही है । योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कोई मानदंड तय किया है। चालू वर्ष के दौरान उक्त योजना के तहत कितनी निधि निर्धारित, स्वीकृत व जारी की गई है। यही नही सुधीर गुप्ता ने यह भी कहा कि योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति को मिले इसके लिए सरकार ने क्या कदम उठाए है।
प्रश्न के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि  हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात सरकार ने ष्वंचित इकाई समूह और वर्गों की आर्थिक सहायता योजना (विश्वास) शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), निजी क्षेत्र के बैंकों, लघु वित बैंकों और अन्य समान वित्तीय संस्थानों (एफआई) के माध्यम से ऋण लेने वाले पात्र स्वयं सहायता समूहों और व्यक्तिगत लाभार्थियों को 5 प्रतिशत की दर से ब्याज में छूट प्रदान करना है।  अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सफाई कर्मचारी (चिन्हित हाथ से मैला ढोने वाले, कचरा बीनने वाले और उनके आश्रितों सहित) से संबंधित व्यक्ति ब्याज में छूट के लिए पात्र होंगे। यह योजना प्रारंभ में वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए क्रियान्वित की जा रही है तथा इसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के तीन वित्त विकास निगमों अर्थात् राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
उन्होने बताया कि अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3.00 लाख रुपये तक है, 5.00 लाख रुपये तक के ऋण के लिए छूट का लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं। सफाई कर्मचारियों (चिन्हित हाथ से मैला ढोने वाले, कचरा बीनने वाले और उनके आश्रितों सहित) के मामले में कोई आय मानदंड लागू नहीं होगा। इसके अलावा, किसी भी ऋणदाता संस्थान द्वारा 10.00 लाख रुपये तक के ऋण / नकद ऋण सीमा के माध्यम से समर्थित एसएचजी ब्याज में छूट के लिए पात्र होंगे।
उन्होने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान ब्याज छूट के लिए 97.5 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) की धनराशि निर्धारित की गई है। यही नही सुनिश्चित करने के लिए कि योजना का लाभ जरूरतमंदों को प्राप्त हो, इसके लिए  तीन वित्त विकास निगमों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, राज्य चौनलाइजिंग एजेंसियां, सूक्ष्म वित्त संस्थान और आरआरबी के व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाकर एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाया गया है।

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