आयुश्री की काव्य कृति ‘कचनार के दिन’ 

संभावनाओं से परिपूर्ण- कवि आलोक

*पॉडकास्ट जिंदगी लालटेन भी हुआ शुरू

भोपाल। सुपरिचित कवियत्री आयुश्री सक्सेना सिंह की प्रथम काव्य कृति ‘कचनार के दिन’ का गरिमामय समारोह में अतिथि द्वय प्रतिष्ठित कवि एवं लेखक श्री आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर और शायरा गौसिया खान की उपस्थिति में हुआ. कवियत्री आयुश्री सक्सेना सिंह की प्रथम काव्य कृति ‘कचनार के दिन’ लोकार्पण के साथ ही उनके पॉडकास्ट चैनल ‘जिंदगी लालटेन’ का भी प्रीमियर भी अतिथियों ने किया. 

इस अवसर पर कवि श्री आलोक श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘आयुषीश्री यह प्रथम काव्य कृति संभावानाओं से भरी हुई है. हर एक कविता अपने आप में समय की बात करता है. निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि कवि आयुषी समय के पार देखती हैं.’  प्रोफेसर गौसिया खान ने कविताओं से ज्यादा भावनाएं व्यक्त की हैं। इसमें हमें जिंदगी और उसके अलग अलग रंगों से रूबरू होने का मौका मिलता है। भारतीय परम्परा के अनुरूप लोकार्पण समारोह के आरंभ में अतिथियों का स्वागत किया गया. 

आयुषीश्री सक्सेना का ‘कचनार के दिन’ के रचनात्मक पक्ष पर कहना था कि उनका यह पहला कविता संग्रह है। संग्रह में जीवन के विविध अनुभवों और भावनाओं का सजीव चित्रण है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने नए पॉडकास्ट जिंदगी का लालटेन के उद्देश्य के बारे में भी बताया। ‘जिंदगी लालटेन’ कहानियों का घर हैं, जो हमारे अंदर छुपी हैं, आयुश्री जी ने बताया। 

भारतीय परम्परा के अनुरूप अतिथियों का स्वागत किया गया. कार्यक्रम का संचालन सुश्री दीपा एवं संयोजन प्रताप वर्मा और संजीव सिंह द्वारा किया गया था.  कार्यक्रम में नगर के गणमान्य अतिथियों साथ ही साहित्य एवं मीडिया के अनेक सुपरिचित हस्ती उपस्थित थे.

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