Home विविध सुप्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा को बिहारी पुरस्कार 

सुप्रसिद्ध आलोचक माधव हाड़ा को बिहारी पुरस्कार 

नई दिल्ली। सुप्रसिद्ध आलोचक और राजस्थान निवासी प्रो माधव हाड़ा को के के बिड़ला फाउंडेशन के प्रतिष्ठित बिहारी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। फाउंडेशन द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि वर्ष 2022 के बत्तीसवें बिहारी पुरस्कार के लिए उदयपुर निवासी प्रो माधव हाड़ा की साहित्यिक आलोचना कृति ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ का चयन किया गया है। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न व् ढाई लाख रुपये की राशि भेंट की जाती है। यह पुरस्कार वर्ष 1991 में प्रारम्भ किया गया था। 

ज्ञातव्य है कि बिहारी पुरस्कार के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला वह पुरस्कार है जो राजस्थान के लेखकों के लिए है। इसके लिए राजस्थान निवासी लेखक की हिंदी अथवा राजस्थानी कृति का चयन होता है। पुरस्कार की निर्णायक समिति में हेमंत शेष (अध्यक्ष), मुरलीधर वैशन, मनीषा कुलश्रेष्ठ,अम्बिका दत्त, डॉ इन्दुशेखर तत्पुरुष तथा फांडेशन के निदेशक डॉ सुरेश ऋतुपर्ण (सदस्य सचिव) हैं। 

प्रो हाड़ा की पुरस्कृत कृति ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ का प्रकाशन 2015 में हुआ था तथा मीरां के प्रति नवोन्मेषी अध्ययन एवं मूल्यांकन दृष्टि के चलते इस पुस्तक को हिंदी के पाठक समाज में व्यापक सराहना मिली। मीरां के जीवन और समाज को नए ढब और ढंग से खोजती यह किताब हिंदी आलोचना में मीरां की जगह पहचानने के लिए एक नूतन प्रस्थान बिंदु है। प्रो हाड़ा मीरां ने इस पुस्तक में मीरां के जीवन, संघर्ष और सृजन तीनों पर विश्लेषणात्मक व्याख्या प्रस्तुत की है। मीरांकी भक्त छवि को तोड़ने के लिए ठोस एवं अनुसन्धानपरक तथ्यों के साथ यह किताब लिखी गई है। उदयपुर विश्वविद्यालय में आचार्य एवं अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त माधव हाड़ा शिमला स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संसथान में अध्येता रहे हैं। उन्हें भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार तथा देवराज उपाध्याय सम्मान से सांद्रित किया जा चुका है। 

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