Home विविध भंवरीदेवी भंसाली एक आदर्श श्राविका हैं : आचार्य महाश्रमण

भंवरीदेवी भंसाली एक आदर्श श्राविका हैं : आचार्य महाश्रमण

श्रीमती भंवरीदेवी भंसाली को ‘श्राविका गौरव-2023’ अलंकरण प्रदत्त

मुम्बई, 11 अक्टूबर 2023

प्रख्यात समाजसेविका, आदर्श नारी, धार्मिक सेवाओं का अनूठा एवं प्रेरक प्रतिमान गढ़ने वाली, सेवा और सहृदयता की प्रेरक सुश्राविका श्रीमती भंवरीदेवी भंसाली को अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा प्रतिवर्ष प्रदत्त किये जाने वाला सर्वोच्च नारी सम्मान ‘श्राविका गौरव’ वर्ष-2023 प्रदत्त किया गया। नंदनवन परिसर में राष्ट्रसंत, शांतिदूत, महिला जागृति के प्रेरक, अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजजी के सान्निध्य में 48वें अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के राष्ट्रीय अधिवेशन में यह अलंकरण प्रदत्त करते हुए उनकी उल्लेखनीय संघ सेवाओं एवं गुरुभक्ति को उजागर किया। वक्ताओं ने कहा कि श्रीमती भंवरीदेवी भंसाली ने सुदीर्घ काल तक संघ एवं संघपति के प्रति सेवा का एक अनूठा इतिहास रचा है, जो संपूर्ण महिला समाज के लिए अनुकरणीय है। मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीलम सेठिया एवं महामंत्री श्रीमती मधु देरासरिया ने श्रीमती भंसाली को प्रशस्ति पत्र, शाॅल एवं माल्यार्पण के द्वारा सम्मानित किया।

आचार्य श्री महाश्रमण ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीमती भंवरीदेवी भंसाली ने अपनी सेवाओं एवं गुरुभक्ति के माध्यम से श्रावकत्व को एक अनूठी पहचान दी है। स्व. श्री फतेहचंदजी भंसाली की धर्मपत्नी के रूप में उन्होंने तीन-तीन आचार्यों की सेवा का प्रेरक इतिहास रचा है। वे सरलता, सादगी, समझ एवं सहिष्णुता की मिसाल हैं। एक आदर्श श्राविका के रूप में उनका जीवन उत्तरोत्तर आध्यात्मिक विकास करता रहे, यही शुभाशंसा है। उन्हें अपने आत्मा के कल्याण के लिए जागरूक रहना है। इस अवसर पर साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने श्रीमती भंवरीदेवी की सुदीर्घ सेवाओं की चर्चा करते हुए कहा कि उनका जीवन गुरुभक्ति का विरल उदाहरण है। उन पर आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ एवं वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विशेष अनुकंपा रही है। उन्होंने अपनी सेवा और भक्ति से श्रावकत्व को एक नई पहचान दी है। संपूर्ण भंसाली परिवार में उच्च संस्कारों का रोपण करते हुए उन्होंने सभी पारिवारिक सदस्यों को संघसेवा एवं संस्कारों में ढ़ाला है।

इस अवसर पर महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीलम सेठिया ने कहा कि गुरु की वाणी को आत्मसात् कर अपने जीवन में ग्रहण करने वाली श्रीमती भंवरीदेवी भंसाली धर्मपत्नी, स्व. श्री फतेहचंदजी भंसाली तेरापंथ धर्मसंघ की एक आदर्श श्राविका हैं। आपको तीन आचार्यों का वरदहस्त प्राप्त है और उसी की सुवास में आपका जीवन पुष्पित एवं पल्लवित हो रहा है। आपका जीवन त्याग और तपस्या से आबद्ध है। सादा एवं संयमित जीवन, विनम्र एवं हंसमुख व्यक्तित्व, सुपात्र दान की अनूठी भावना, एकाग्रता एवं जागरूकता से आप्लावित जीवन औरों के लिए अनुकरणीय है। महिला मंडल की महामंत्री श्रीमती मधु देरासरिया ने कहा कि श्रीमती भंवरीदेवी भंसाली जैसी सुश्राविकाओं पर गर्व है जो अध्यात्म की लौ को अपने जीवन में प्रज्ज्वलित कर स्वयं का आत्मोत्थान कर रही हैं, साथ ही समूचे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं। आपने सद्संस्कारों, गुरुभक्ति एवं संघनिष्ठा के मूल्यों से न केवल स्वयं को सजाया है अपितु अपने संपूर्ण परिवार में भी संस्कारों का बीजारोपण करते हुए उस पौध को गहराई से सींचा है।

परिवार की ओर से डाॅ. चैनरूप भंसाली ने पूज्यवर आचार्य श्री महाश्रमणजी के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आपने समय-समय पर पिताजी स्व. श्री फतेहचंदजी भंसाली की अनूठी गुरुभक्ति एवं संघसेवा का अंकन किया लेकिन आज उनके साथ निरंतर सेवा में संलग्न रहने वाली माताजी को भी आपने अपने सान्निध्य में सर्वोच्च नारी सम्मान प्रदत्त करवाकर समूचे महिला समाज को गौरवान्वित किया है। यह सम्मान मेरी दृष्टि में व्यक्ति का नहीं बल्कि भक्ति का है। तेरापंथ धर्मसंघ की विरल विशेषता है कि यहां सेवा और भक्ति का भी गुरुवरों द्वारा समय-समय पर अंकन होता रहा है, जिसे देखकर समूची मानवजाति हर्षित हो जाती है। कार्यक्रम का संयोजन श्रीमती मधु देरासरिया ने किया। इस अवसर पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्रीमती शुभा मेहता एवं प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती जयश्री भूरा को सीता देवी सरावगी प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किया गया।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version