राष्ट्रसंत चंद्रानन सागर ने कहा –  समाज के हर वर्ग की सेवा करना पहला धर्म

 12 Sept, 2025

मुंबई । ‘दर्शन सागर स्मृति समारोह’ में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित पांच प्रमुख लोगों को ‘दर्शन सागर अवार्ड-2025’ प्रदान करके सम्मानित किया। राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस समारोह में, मुख्य अतिथि अमृता फडणवीस, महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अदिति तटकरे एवं नाकोड़ा दर्शन धाम के चेयरमैन सुखराज नाहर ने ये सम्मान प्रदान किए। ‘वारी एनर्जी’ के हितेश दोशी, ‘एशियन स्टार’ के विपुल शाह, उद्योगपति संजय घोड़ावत, ‘जीएम मॉड्यूलर’ के रमेश जैन और ‘शताब्दी गौरव’ के सिद्धराज लोढ़ा को ‘दर्शन सागर अवार्ड 2025’ प्रदान किया गया। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) के एपेक्स चेयरमैन पृथ्वीराज कोठारी और वरिष्ठ समाजसेवी विनोदभाई जवेरी को भी उनकी सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। ‘दर्शन सागर स्मृति समारोह’ समिति के प्रवीण शाह एवं निरंजन परिहार ने सभी का आभार जताया। आयोजन की सफलता में स्नेहल चौकसी और सुरेश जैन सहित नाकोड़ा दर्शन धाम के ट्रस्ट मंडल और मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। ‘दर्शन सागर स्मृति समारोह’ में जैन समाज की प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारी और जैन संघों के ट्रस्टीगण विशेष रूप से उपस्थित थे।

योगी सभागार में आयोजित ‘दर्शन सागर अवार्ड’ समारोह में मुख्य अतिथि अमृता फडणवीस ने कहा कि देश में ही नहीं, दुनिया भर में जैन समाज की जनसंख्या बहुत कम होने के बावजूद समाजसेवा व जनसेवा में यह समाज सबसे आगे है, इससे सभी को जीवन में कुछ नया करने की सीख मिलती है। श्रीमती फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रसंत आचार्य चन्द्रानन सागर सुरीश्वर महाराज की अगुवाई में मुंहबई के पास विकस्त हो रहा नाकोडा दर्शन धाम सेवा समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए संस्कृति, धर्म, शिक्षा और जीवदया के केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। यह धाम आने वाले समय में सबके सहयोग से धर्म व संस्कृति का प्रमुख स्थल बनेगा। नाकोड़ा दर्शन धाम के चेयरमैन सुखराज नाहर के सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए श्रीमती फडणवीस ने विश्वास जताया  कि नाहर जैसे दूरदर्शी और सफल व्यक्ति के नेतृत्व में नाकोड़ा दर्शन धाम का विकास और तेज गति से होगा। इस अवसर पर महाराष्ट्र की मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि संत हमारी जीवनधारा को दिशा देते हैं और वे ही हमारी संस्कृति के संवाहक है। उन्होंने राष्ट्रसंत चन्द्रानन सागर महाराज के सामाजिक कार्यों को मानव जीवन के उद्धार का अभियान बताया।

गच्छाधिपति आचार्य दर्शन सागर सूरीश्वर महाराज की 32वीं पुण्यतिथि पर आयोजित विराट समारोह में  राष्ट्रसंत चंद्रानन सागर ने सभी सम्मानित लोगों, जैन संघों के पदाधिकारियो, ट्रस्टियों एवं सभागार में उपस्थित धर्मप्रेमियों को आशीर्वाद दिया एवं समाज के लिए लगातार काम करते रहने की प्रेरणा दी, एवं कहा कि यही पहला धर्म है। शिक्षा, समाज सेवा, जीव दया, धर्म, संस्कृति एवं विभिन्न कार्यों के लिए देश का प्रतिष्ठित ‘दर्शन सागर अवार्ड’ हर साल प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला देश का लब्ध प्रतिष्ठित ‘दर्शन सागर अवार्ड’ प्राप्त करने वालों को, परंपरागत तरीके सम्मानित करने के साथ ही सम्मान चिन्ह प्रदान करके अभिनन्दन किया गया।  कार्यक्रम का समापन राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज के महामांगलिक प्रवचन से हुआ।

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