विविध पुस्तक परिचय: काग़ज़ की नाव June 10, 2025 / June 10, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment समीक्षा: “काग़ज़ की नाव” — मासूमियत, कल्पना और संवेदना का सागर“काग़ज़ की नाव” एक सजीव और संवेदनशील बाल काव्य संग्रह है जो बच्चों की सरल और मासूम दुनिया को खूबसूरती से अभिव्यक्त करता है। डॉ. सत्यवान सौरभ की लेखनी में भाषा की सहजता, भावों की गहराई और लय की मिठास स्पष्ट झलकती है। प्रत्येक कविता बच्चों […] Read more »
विविध आयुश्री की काव्य कृति ‘कचनार के दिन’ June 7, 2025 / June 9, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment संभावनाओं से परिपूर्ण- कवि आलोक *पॉडकास्ट जिंदगी लालटेन भी हुआ शुरू भोपाल। सुपरिचित कवियत्री आयुश्री सक्सेना सिंह की प्रथम काव्य कृति ‘कचनार के दिन’ का गरिमामय समारोह में अतिथि द्वय प्रतिष्ठित कवि एवं लेखक श्री आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर और शायरा गौसिया खान की उपस्थिति में हुआ. कवियत्री आयुश्री सक्सेना सिंह की प्रथम काव्य कृति ‘कचनार […] Read more »
विविध हिसार की बेटी और भिवानी की बहू प्रियंका सौरभ को मिला ‘सामाजिक सरोकार पत्रकारिता नारद सम्मान 2025’ May 26, 2025 / May 26, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने मानव रचना यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में किया सम्मानित सिवानी मंडी /हिसार/ भिवानी/फरीदाबाद, हरियाणा | 26 मई 2025: देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय पत्रकार सम्मान समारोह में हरियाणा की चर्चित लेखिका, कवयित्री एवं स्वतंत्र पत्रकार प्रियंका सौरभ को ‘सामाजिक सरोकार पत्रकारिता नारद सम्मान – 2025’ से सम्मानित किया […] Read more » प्रियंका सौरभ को मिला ‘सामाजिक सरोकार पत्रकारिता नारद सम्मान 2025
विविध सबसे ऊपर राष्ट्र की गरिमा, रक्षा और सम्प्रुभता – प्रो अंजू श्रीवास्तव May 13, 2025 / May 13, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हिन्दू कालेज में सेना के सम्मान में ‘राष्ट्र प्रथम’ आयोजन दिल्ली। राष्ट्र सर्वोपरि है और राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं होता। हमारी वीर सेनाओं ने आतंकवाद की कायरतापूर्ण हरकतों का डटकर मुकाबला किया है और दुनिया भर को यह सन्देश दिया है कि भारत की सम्प्रुभता को कोई चुनौती नहीं दे सकता। हिन्दू कालेज […] Read more »
विविध टारगेटेड जर्नलिज्म April 28, 2025 / April 28, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डायबिटीज का इलाज गुलाब जामुन से संभव है”* इस चेतावनी से सजग करती प्रो मनोज कुमार की किताब *”टारगेटेड जर्नलिज्म”* नैतिक आचरण पर आधारित परिवार की अगली पीढ़ी अगर मूल्यविहीन हो जाये, तो जो पीड़ा घर के सबसे बड़े बुजुर्ग की होती हैं, उसी दर्द को महसूस करने का नाम है, प्रो मनोज कुमार की […] Read more »
विविध पुस्तकें हमारे चित्त को तृप्त करती है – प्रो.कीर्ति पाण्डेय April 28, 2025 / April 28, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. सौरभ मालवीय की किताब का लोकार्पण भागदौड़ के समय में संतों के विषय में पढ़कर मन को शांति प्राप्त होती है। हमारे पास संतों की शिक्षाओं एवं उनके उपदेशों के रूप में ज्ञान का अपार भंडार है। भारतीय ज्ञान परम्परा भारत का जीवन दर्शन है। हमारे संत हमारे पथप्रदर्शक है।भारत में अनेक संत हुए […] Read more »
विविध ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन द्वारा बीड जिले के सनगाव की महिला वकील ज्ञानेश्वरी अंजन पर हुए हमले की निंदा और कड़ी कार्रवाई की मांग April 26, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment दिनांक 14 अप्रैल 2025 को, महाराष्ट्र के बीड जिले के अंबाजोगाई तालुका के सनगाव में सत्र न्यायालय में वकालत करने वाली महिला वकील ज्ञानेश्वरी अंजन पर गांव के सरपंच और उसके 9 सहयोगियों द्वारा खेत में घेरकर डंडों और जेसीबी पाइप से बुरी तरह अमानवीय मारपीट की गई। यह घटना ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे पर हुई। अंजन को धार्मिक स्थलों पर तेज़ […] Read more »
विविध खंडहर में पड़ी प्रतिमा को ड्रोन से खोजने का दावा, लोगों ने बताया गलत, बोले- सालों से उदयपुर में है नटराज प्रतिमा April 23, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment उदयपुर, विदिशा जिले का एक कस्बा। गंजबासौदा तहसील से कुछ ही किलोमीटर दूर है। यह मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है, वहां की पुरातात्विक धरोहर के लिए। भगवान शिव का नीलकंठेश्वर मंदिर, जो परमारकाल में बने मध्यप्रदेश के मंदिरों में से काफी संरक्षित है। यहां बावड़ी, कुएं, तालाब और कई मनमोहक प्रतिमाएं हैं। इन प्रतिमाओं में बराह, […] Read more »
विविध दिल्लीके 1008 स्थानों पर आज से संस्कृत संभाषण के शिविरों की शुरुआत April 23, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सुशील कुमार ‘नवीन ‘ दिल्ली देश का दिल है। यहां पर हुई कोई भी हलचल या गतिविधि अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान स्थापित करती है। देवभाषा संस्कृत के प्रचार और प्रसार में पिछले 44 वर्षों से समर्पित अंतरराष्ट्रीय संगठन संस्कृत भारती दिल्ली से ही 23 अप्रैल से संस्कृत संभाषण का विशेष महाभियान शुरू करने जा रहा है। इसके तहत दिल्ली के विभिन्न 1008 स्थानों पर संस्कृत संभाषण शिविरों के माध्यम से दस हजार से भी अधिक परिवारों को अपने साथ प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाएगा। दस दिनों तक चलने वाले इन संभाषण शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षित कार्यकर्ता शिक्षक का दायित्व निर्वहन कर 50 हजार से अधिक लोगों को संस्कृत संभाषण में दक्ष करने का कार्य करेंगे। इसका समापन 4 मई को एक बड़े आयोजन के साथ होगा। संस्कृत भारती के अनुसार किसी भी राष्ट्र की अखण्डता के लिए सांस्कृतिक भाषा एक आवश्यक वैचारिक आधार है। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी होने के कारण सभी देशवासियों को एकत्र करने की भूमिका बहुत प्रभावी ढंग से निभा सकती है। दर्शन, साहित्य, विज्ञान,ज्योतिष, वास्तुकला, आयुर्वेद, योग, गणित, संगीत आदि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के ज्ञानकोष की कुञ्जी संस्कृत है। संस्कृतभाषा को जन-जन की व्यवहार भाषा बनाने के लिए 1981 में संस्कृतभारती संगठन की शुरुआत हुई जो आज एक वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है। संस्कृत के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित शिक्षकों, संयोजकों, विद्वान् मार्गदर्शकों के साथ-साथ समाज में अनेक प्रकार से सहयोगीजनों का राष्ट्रव्यापी मंच देकर संस्कृतभारती ने कार्य को और गति प्रदान की है। संस्कृत भारती विविध कार्यक्रमों के माध्यम से संस्कृत को समाज तक ले जाती है। संस्कृत सम्भाषण शिविरों के माध्यम से संस्कृत भारती द्वारा दस दिन तक प्रतिदिन दो घंटे संस्कृत बोलने का प्रशिक्षण अत्यन्त रोचक विधि से अन्य भाषा के प्रयोग के बिना शब्द, वाक्य, कथा, अभिनय प्रदर्शन, गीत आदि के माध्यम से परस्पर वार्तालाप से दिया जाता है। देशभर में अब तक इस तरह के एक लाख से अधिक शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। सम्भाषण शिवरों के माध्यम से संस्कृतभारती ने अभी तक विश्वभर में दो करोड़ लोगों को संस्कृत सम्भाषण में सक्षम करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। डेढ़ लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को संस्कृत में शिक्षण के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। विश्व के 26 देशों में 45 सौ से अधिक केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है। इसे देश के जन जन तक पहुंचाने के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं। संस्कृत भारती दिल्ली द्वारा यहां से एक बड़े आयोजन की कार्य योजना बनाई गई। इसके तहत दिल्ली में एक साथ 1008 संस्कृत संभाषण शिविरों के संचालन पर सहमति बनी। इसके लिए 1000 से अधिक कार्यकर्ताओं को पहले विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर प्रशिक्षित किया गया। इसी के तहत बुधवार 23 अप्रैल से शिविरों का महाभियान शुरू हो रहा है। संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए संस्कृत भारती का यह कोई एक मात्र कार्यक्रम नहीं है। साप्ताहिक मेलन सम्भाषण शिविर का ही अनुवर्ती कार्यक्रम है। इसके तहत सप्ताह में एक दिन दो घण्टे के लिए एकत्र आकर संस्कृतवातावरण में रहकर पुनः संस्कृत सम्भाषण का अभ्यास करते हैं। नए लोगों का भी संस्कृत से परिचय कराने में भी यह लाभदायक साबित होता है। इसी क्रम में दस दिवसीय आवासीय प्रबोधन वर्ग का आयोजन किया जाता है। इसके तहत अखण्ड संस्कृत वातावरण में रहते हुए संस्कृत में ही चिन्तन मनन के लिए प्रेरित कर सहज भाव से संस्कृत को व्यवहार में लाने का सामर्थ्य पैदा किया जाता है। इसी कड़ी में प्रशिक्षणवर्ग संस्कृत सम्भाषण शिविर शिक्षकों के निर्माण के लिए विशेष वर्ग है। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी समाज में जाकर सम्भाषण शिविर चलाते हैं। संस्कृत को संस्कृत माध्यम से पढ़ाने का प्रशिक्षण भी इसी वर्ग में प्राप्त होता है। साहित्य प्रकाशन के माध्यम से संस्कृत भारती द्वारा सरल और रुचिकर पद्धति से व्याकरण, उपन्यास, कथा, बाल गीत, नाटक भगवद् गीता, सुभाषित, यात्रावृत्तान्त, वैचारिक लेख, भाषाभ्यास इत्यादि विषयों पर लगभग 300 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को गीता जयन्ती के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण प्रदेश में अखण्ड गीता पाठ, गीता शोभायात्रा एवं गीता प्रतियोगिताओं का अनेक स्थानों पर आयोजन किया जाता है। प्रतिवर्ष रक्षा बन्धन के तीन दिन पूर्व तथा तीन दिन बाद तक “संस्कृत सप्ताह” का आयोजन अखिल भारतीय स्तर पर केन्द्र सरकार तथा विभिन्न संस्थाओं द्वारा होता है । ‘संस्कृतभारती’ इन आयोजनों में सभी प्रकार का सहयोग एवं प्रोत्साहन करती है। स्वयं भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। बाल केंद्रों के माध्यम से अनेक स्थानों पर छोटे-छोटे बालक-बालिकाओं को खेल, गीत, भजन, कथा स्तोत्र तथा अभिनय आदि के माध्यम से संस्कृत के साथ-साथ उत्तम संस्कार देने का कार्य संस्कृत भारती कर रही है। जिस घर में परिवार के सभी सदस्यों द्वारा संस्कृत बोली व समझी जाती है, जो परस्पर संस्कृत भाषा में व्यवहार करते हैं। उन्हें संस्कृत गृह का नाम दिया गया है। देश भर के हजारों कार्यकर्ताओं के परिवार ऐसे ‘संस्कृतगृह’ है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके लिए रोचक साहित्य से युक्त, वर्णमयी संस्कृत मासिकी पत्रिका संभाषण संदेश का प्रकाशन किया जाता है। इसमें अत्यन्त सरल संस्कृत में कथा, चुटकुले, विज्ञान, भाषाभ्यास, समसामयिक विचार, राष्ट्रीय चिन्तन, आधुनिक विषय से सम्बद्ध लेख और विश्व के संस्कृत जगत् की नवीनतम वार्ता आप पढ़ सकते हैं। पत्राचार द्वारा भी घर बैठे प्रतिदिन थोड़ा समय संस्कृताभ्यास के लिये निकाल कर आप दो वर्षों में गीता, रामायण, स्तोत्र इत्यादि स्वयं पढ़कर समझ सकते हैं। प्रत्येक छः महीने में इस बारे में परीक्षा भी ली जाती है। संस्कृत भारती द्वारा दिल्ली को संस्कृतमय करने की यह पहल के निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम होंगे। महाकवि कालिदास द्वारा रचित महाकाव्य ‘ रघुवंशम् ‘ की यह उक्ति अभियान में लिए सार्थक साबित होगी। कालिदास जी कहते हैं कि ‘ काले खलु समारब्धाः फलं बध्नन्ति नीतय: अर्थ है, समय पर शुरू की गई नीतियां सफल होती हैं। लेखक; सुशील कुमार ‘नवीन‘, हिसार Read more »
विविध विषय : “प्यारी हिन्दी” पर अंतर्राष्ट्रीय हिंदी गीत प्रतियोगिता का आयोजन April 17, 2025 / April 17, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment Read more » / International Hindi Song Competition अंतर्राष्ट्रीय हिंदी गीत प्रतियोगिता