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एक शिक्षक ऐसा भी जो नि:शुल्क शिक्षा देकर बना गरीबों का मसीहा ,वर्तमान समय में 2000 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं

चित्तौड़गढ़,राजस्थान –  ( ठाकुर कुमार सालवी)  भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर बहुत सम्मान प्राप्त किया है। उन्ही के जन्मदिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। भविष्य की बुनियाद तैयार करने में अपना जीवन समर्पित करने वाले शिक्षकों को शिक्षक दिवस समर्पित किया जाता हैं। शिक्षक को समाज का दर्पण कहा जाता है और आज हम एक ऐसे ही समाज सेवी शिक्षक की बात करते हैं,जिसने शिक्षा को सेवा का साधन बनाकर लाखों लोगों की दुआओं के जरिए उनके दिलों पर अपनी सम्मानजनक उपस्थिति दर्ज करवा रखी है। M-2 प्रयास नि:शुल्क शिक्षण अभियान के स्थापक मनोज मीना। यह पिछले 10 वर्षों से M-2 प्रयास को संचालित कर गरीब व जरूरतमंद ग्रामीण बच्चों की प्रतिभाओं को निखारकर उन्हें इस समाज में मानवतावादी व नैतिक मूल्य से जीवन निर्वहन करना सिखा रहे हैं। अपने कार्य के प्रति लगन एवं जुनून होने के कारण यहां पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए यह प्रेरणा का महान स्त्रोत है। इन्होंने अपना जीवन नि:स्वार्थ भाव से भविष्य की बुनियाद रखने वाले बच्चों को शिक्षित करने के लिए समर्पित किया है।

गंगरार में वर्ष 2013 में मेवाड़ विश्वविद्यालय में बीटेक करने आए मनोज मीना ने जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाने के लिए एक अनोखे क्लासरूम की शुरुआत की जिसका उन्होंने एम-टू प्रयास नि:शुल्क शिक्षण अभियान नाम दिया। जिसमें एम – टू का अर्थ मोरल माइंड हैं ।  नैतिक शिक्षा पर आधारित इस अनोखे अभियान की शुरुआत 3 बच्चों को पढ़ाने से हुई और वर्तमान में इससे आसपास के क्षेत्र के लगभग 2000 बच्चे लाभान्वित है । 

M-2 प्रयास का मूल उद्देश्य अपने बच्चों में नैतिकता पैदा करना है। अपने कुछ युवा साथियों के साथ 19 सितंबर 2013 को इस अभियान की शुरुआत की गई जिसमें मुख्यत: जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा की तैयारी करवाई जाने लगी ताकि बच्चों को एक आवासीय विद्यालय में बेहतर सुविधाओं के साथ शिक्षा मिल सके । और यह कारवां बढ़ता ही चला गया , 10 वर्षों से लगातार नि:शुल्क शिक्षा दे रहे इस अभियान में वर्तमान में नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल ,विशेष मैट्रिक छात्रवृत्ति परीक्षा ,कक्षा 3 से 12वीं कला वर्ग ,बीएसटीसी , सीईटी अग्निवीर एवं अन्य प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं की तैयारी पूर्णत: नि:शुल्क करवाई जा रही है। 

ये शिक्षक बच्चों में पढ़ाई के दौरान नैतिक मूल्य विकसित करने की कला जानते हैं। पढ़ाई और दूसरे क्रियाकलापों के दौरान यह समय का ज्ञान , कौशल, अनुशासन, व्यवहारिकता, आत्मविश्वास, सही-गलत जैसे मानवीय गुणों के सुनहरे पत्थरों से बच्चों की नैतिक नींव का सुदृढ़ीकरण करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं । 

अब इस अभियान में तैयारी करने के लिए प्रदेशभर से बच्चे आते हैं जो कस्बे में रहकर यहां नि:शुल्क पढ़ाई करते हैं। कोटा के रामगंज मंडी के रहने वाले हैं । उन्होंने जेब खर्च व यूनिवर्सिटी से मिलने वाली छात्रवृत्ति से नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की। अब जब बच्चों की संख्या 2 हज़ार हो चुकी है, तब बच्चों के अभिभावक भी स्टेशनरी की सामग्री में सहयोग देने लगे है।

एम-टू का हर वर्ष बेहतर परिणाम

एम- टू प्रयास के स्थापक मनोज मीना से प्राप्त जानकारी से पता चला कि एम – टू प्रयास का हर वर्ष नवोदय विद्यालय एवं सैनिक स्कूल का शानदार परिणाम रहता है । हर वर्ष चयनित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी होती है । विगत 10 वर्षों से अब तक 299 बच्चों का नवोदय विद्यालय ,75 से अधिक बच्चों का सैनिक स्कूल व 25 बच्चों का विशेष पुर्व मेट्रिक छात्रवृति परीक्षा में चयन हो चुका है। साथ ही बीएसटीसी में 73 व अग्निवीर में लिखित परिक्षा में 29 , विगत वर्ष अंतिम रुप से 2 बच्चों का चयन हो चूका हैं। सत्र 2021-22 में सैनिक स्कूल में 13 बच्चों का मेडिकल के लिए व 5 बच्चों का अंतिम रुप से तथा सत्र 2022- 23 में 25 बच्चों का मेडिकल व 13 अंतिम रूप से चयन हुआ , सत्र 2023-24 में 25 बच्चों का चयन हुआ हैं। वहीं नवोदय विद्यालय में सत्र 2021- 22 में कुल 48 बच्चो का व सत्र 2022- 23 में कुल 34 बच्चों का चयन हुआ है, सत्र 2023-24 में 43 बच्चों का चयन हुआ हैं।

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