आगरा। अब वेस्टर्न यूपी के लोग गुणवत्ता आधारित टीबी की जांच रिपोर्ट का इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें जांच के लिए न ही किसी बड़े इंस्टीट्यूट जाना होगा और न ही गुणवत्ता आधारित रिपोर्ट का कोई चक्कर होगा। राज्य क्षय रोग प्रशिक्षण व् प्रदर्शन केंद्र की इंटरमीडिएट रिफरेन्स लैबोरेटरी टीबी की प्रथम लैब है जो अब आईएसओ सर्टिफाइड हो गयी है। इस मानक को पूरा करने के साथ ही लैब को एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोटरीज) की इंटरनेशनल मान्यता मिल गई है। इसका लोगों को काफी फायदा मिलेगा। इंटरमीडिएट रिफरेन्स लेबोरेटरी में टीबी की निशुल्क जांचें उत्तर प्रदेश और भारत सरकार के राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत होती हैं। इसकी मान्यता के लिए टीबी लैब पिछले तीन वर्षों से प्रयासरत थी।
राज्य क्षय रोग प्रशिक्षण व् प्रदर्शन केंद्र के डायरेक्टर डॉ. संजीव कुमार लवानिया ने बताया, एनएबीएल की मान्यता लेना एक जटिल प्रक्रिया होती है, लेकिन शासन के सहयोग व निर्देशों के अनुपालन में यह महत्वपूर्ण काम है। मान्यता मिल जाने से टीबी की सभी जांचें गुणवत्ता आधारित होंगी।
इंटरमीडिएट रिफरेन्स लेबोरेटरी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ अविजित कुमार अवस्थी ने बताया कि एनएबीएल की प्रॉसेज में टेस्टिंग के हर एक स्टेप पर तय प्रोटोकॉल के हिसाब से जांच की जाती है। इसके होने से जांच में गलतियों की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
इंटरमीडिएट रिफरेन्स लेबोरेटरी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट ब्रह्मानंद राजपूत ने बताया कि एनएबीएल की ऑनलाइन प्रक्रिया मई 2023 में किया गया था, जिसके बाद प्री-एसेस्मेंट जुलाई 2023 में किया गया। यह सारी प्रॉसेस ऑनलाइन मीडियम में कंप्लीट हुई, जिसमें कुछ कमियां पाई गई थीं। जो कमियां पाई गई थी। उसे असेसर ने दुरुस्त कराने के लिए कहा था। उन कमियों को दूर करने के बाद फाइनल असेसमेंट अगस्त और सितम्बर 2023 में दो एक्स्पर्ट ने किया। टेस्टिंग के हर एक स्टेप की असेसर ने बारीकी से जांच ने की। जिसके बाद 8 अक्टूबर 2023 को एनएबीएल द्वारा सर्टिफिकेट जारी किया गया।
एनएबीएल की प्रक्रिया में स्टेट टीबी आॅफीसर डॉ शैलेन्द्र भटनागर का विशेष सहयोग रहा। इंटरमीडिएट रिफरेन्स लेबोरेटरी के एनएबीएल मान्यता में डॉ अनुराग श्रीवास्तव, डॉ भरत बजाज, डॉ संजीव माहेश्वरी, दामोदर सिंह, विशाल सक्सेना, योगेश शर्मा, पंकज कुमार, पवन कुमार, हरेंद्र कुमार, गजेंद्र बंसल, हरदेव सिंह, संतोष कुमार, उबैश, सुधीर बघेल, अभिषेक मिश्रा, मोहम्मद कादिर, शिव कुमार, नीलम, शुभम, सूरज, अनूप और सनी का विशेष सहयोग रहा।
इसके अलावा फाइन्ड संस्था से लैब की मैन्टोर डॉ ए.म. के. ललिता और डॉ आराधना चैहान का विशेष सहयोग रहा।
लैब में होने वाली टीबी की उच्च स्तरीय जांचें
1. जीएल नीलसन स्टैनिंग और माइक्रोस्कोपी
2. एलईडी-एफएम स्टैनिंग और माइक्रोस्कोपी
3. सीबीनाट
4. फर्स्ट लाइन-लाइन प्रोब ऐसे
5. सेकंड लाइन-लाइन प्रोब ऐसे
6. लिक्विड और सॉलिड कल्चर
7. फर्स्ट लाइन और सेकंड लाइन -लिक्विड कल्चर एंड डीएसटी