नई दिल्लीः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के केसर कलां के रहनेवाले 83 वर्षीय रिटायर्ड पोस्टमास्टर फैजुल हसन कादरी की गुरूवार की देर रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। कादरी इसलिए काफी सुर्खियों में रहे क्योंकि उन्होंने अपनी मृत पत्नी की याद में मिनी ‘ताज महल’ का निर्माण कराया था।
उनके परिवार के मुताबिक, केसर कलां में एक अज्ञात वाहन से टक्कर के बाद बुरी तरह घायल कादरी को अलीगढ़ अस्पताल लाया गया। जहां पर उन्होंने दम तोड़ दिया।
कादरी की मौत से गांव में शोक
कादरी के निधन की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हालांकि परिजनों ने कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया। 2012 में रखी थी ताज महलनुमा मकबरा की नींव डलवाई। देश-विदेश में बेगम की याद में बनाये गए ताजमहल नुमा मकबरा के लिए प्रसिद्ध फैजुल हसन कादरी की पत्नी ताजुम्बली बेगम का निधन 24 दिसम्बर को एक बीमारी के चलते निधन हो गया था। फैजुल हसन कादरी ने मई 2012 पत्नी याद में एक ताजमहलनुमा मकबरा की नींव रख दी। देखते ही देखते ताजमहलनुमा मकबरा देश में ही बल्कि विदेशों में भी प्रसिद हो गया। डाक विभाग से रिटायर्ड फैजुल हसन कादरी ने अपने मेहनत की पाई पाई ताजमहलनुमा मकबरे के निर्माण मे लगा दी।
1953 में हुआ था कादरी का निकाह
फैजूल हसन कादरी का बनाया यह ताजमहल बुलंदशहर से करीब 50 किलोमीटर दूर एक गांव केसर कलां में है। कादरी का निकाह ताजामुल्ली से 1953 में हुआ था। निकाह के 58 साल बाद यानी 2011 में कैंसर से ताजामुल्ली का इंतकाल हो गया। कदही ने उन्हें अपनी खेती की जमीन पर दफनाया। इसके बाद अपनी सारी जमा पूंजी ‘मिनी ताजमहल’ बनाने में लगा दी। हालांकि काम पूरा होने से पहले ही सारे पैसे खर्च हो गए। तीन साल से काम रुका पड़ा रहा।