नई दिल्लीः उपभोक्ताओं को किसी खराब सामान या खरीद के वक्त तय शर्तें पूरा नहीं करने पर किसी कंपनी के खिलाफ शिकायत करने पर पांच लाख रुपये तक के लिए कोई फीस जमा नहीं करनी होगी। वह ई-मेल से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।अभी तक एक से बीस लाख रुपये तक के मामलों के लिए पांच सौ रुपये तक फीस जमा करानी पड़ती थी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत सरकार ने उपभोक्ता अदालत में शिकायत करने पर फीस कम करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत पांच लाख रुपये तक के मामलों पर अब कोई फीस नहीं लगेगी।
वहीं, पांच से दस लाख तक के मामले में दो सौ रुपये और दस से बीस लाख रुपये तक मामलों के लिए चार सौ रुपये बतौर फीस देनी होगी। उपभोक्ता अदालत में फीस कम करने के साथ सरकार उपभोक्ताओं को जल्द न्याय दिलाने की भी तैयारी कर रही है। संसद में लंबित उपभोक्ता संरक्षण विधेयक में उपभोक्ता अदालतों पर नजर रखने के भी प्रस्ताव किए गए हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में नए विधेयक को मंजूरी मिल सकती है। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक में उपभोक्ता अदालत को तय वक्त के अंदर मामले का निपटारा करना होगा। मामले की सुनवाई के लिए तीन सप्ताह के अंदर दूसरी तिथि देनी होगी।
ऑनलाइन शिकायत
उपभोक्ताओं को खराब सामान या खराब सेवाओं की शिकायत करने के लिए उपभोक्ता अदालत के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। संसद में लंबित नए उपभोक्ता संरक्षण विधेयक में ऑनलाइन अपील का भी प्रावधान किया गया है। खराब सामान या सेवा को लेकर ऑनलाइन शिकायत के 21 दिन के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता है, तो मामला दर्ज माना जाएगा।
कितनी थी फीस
– एक से एक लाख रुपये तक 100 रुपये
– एक लाख से पांच लाख रुपये तक 200 रुपये
– पांच लाख से दस लाख रुपये तक 400 रुपये
– दस लाख से बीस लाख रुपये तक 500 रुपये
– बीपीएल के लिए एक लाख तक शून्य