नई दिल्लीः दुबई की एक अदालत ने मंगलवार को 3600 करोड़ रुपये के अगुस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में भारत में वांछित बिचौलिए ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया।

एक अधिकारी ने कहा कि अदालत का यह आदेश सीबीआई और ईडी की जांच के आधार पर भारत सरकार के अरब देशों से किए गए आग्रह के आधार पर दिया गया है। इसी के बाद बाद 54 वर्षीय मिशेल के खिलाफ यह आदेश दिया गया है। ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसमें आरोप है कि मिशेल को इटली की कंपनी अगुस्ता वेस्टलैंड ने भारत में कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए बड़ी रकम दी थी।

मिशेल को कथित तौर पर करीब 225 करोड़ रुपये अगुस्ता वेस्टलैंज कंपनी की ओर से दिए गए थे, जिससे वह भारतीय नेताओं, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को रिश्वत दे सके। मिशेल तीन बिचौलियों में से एक था। उसके अलावा गाइडो हचके और कार्लो गेरोसा भी ईडी के रडार पर है। दोनों एजेंसियों ने दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है।

इस केस में कई बड़े नाम भी सामने आए थे। कॉन्ट्रैक्ट के तहत 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की आपूर्ति की जानी थी, जो 1 जनवरी 2014 को रद्द कर दी गई। संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों द्वारा फरवरी 2017 में मिशेल की गिरफ्तारी के बाद, उसके वकील ने आरोप लगाया था कि सीबीआई उनके क्लाइंट पर दबाव डाल रही थी। हालांकि जांच एजेंसी ने आरोपों का खंडन किया। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने जून में कहा था कि जांच एजेंसी ने मिशेल को अपना गुनाह कबूल करने के लिए प्रभावित नहीं किया। यूएई में तब से भगोड़े के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही जारी थी।