नई दिल्लीः क्रिकेटर से राजनेता बने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नए मुसीबत में फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर किया है जिसमें 15 मई को 1988 रोड रेज केस में सिद्धू को एक हजार रूपये जुर्माने के साथ छोड़ने के फैसला के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई गई है। इस रोड रेज केस में पटियाला के रहनेवाले गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। अदालत ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे हत्या को लेकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई को साबित करता हो।

एएम खानविल्कर और संजय किशन कौल की पीठ ने पीड़ित परिवार की तरफ से दायर की गई याचिका पर मंगलवार को सिद्धू को नोटिस भेजा है। औपचारिक तौर पर आदेश को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। हालांकि, सिद्दू ने केस को दोबारा खोले जाने पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार किया है।

15 मई के शीर्ष अदालत के आदेश ने सिद्धू को राहत दी ताकि वह अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार में मंत्री बने रहें। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरनाम सिंह के बेटे नरविन्दर सिंह ने कहा था- “मैं फैसले ने नाखुश हूं, लेकिन भगवान की इच्छा परिवार ने इस फैसले को स्वीकार किया है।”

इससे पहले, जस्टिस जे. चेलमेश्वर (अब रिटायर हो चुके हैं) और कौल ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को पलटते हुए जानबूझकर चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट ने हत्या का दोषी मानते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। मेडिकल रिकॉर्ड समेत सभी साक्ष्यों को देखने के बाद शीर्ष अदालत ने यह पाया था कि उन्हें गलत तरीके से दोषी पाया गया।