नई दिल्लीः पाकिस्तान ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर’ (सीपीईसी) के तहत लागू की जाने वाली परियोजनाओं की समीक्षा कर रहा है ताकि बलूचिस्तान प्रांत में लोगों के हितों की रक्षा की जा सके। यह बात प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही है। 50 अरब डॉलर (61,48,25,00,00,000 पाकिस्तानी रुपए) की लागत वाले सीपीईसी की शुरुआत 2015 में की गई थी जिसके तहत चीन के संसाधन समृद्ध शिंजियांग उईगर स्वायत्तशासी क्षेत्र को पाकिस्तान के सामरिक बंदरगाह ग्वादर से सड़क, रेलमार्ग और ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से जोड़ा जाना है।
खान ने क्वेटा के दौरे में शनिवार को बलूचिस्तान कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की जिसके बाद उन्होंने सीपीईसी परियोजनाओं पर बयान दिए। सीपीईसी परियोजनाओं में पारदर्शिता के अभाव और भ्रष्टाचार को लेकर खान पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की आलोचना कर चुके हैं।
खान ने कहा कि सीपीईसी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है ताकि बलोच लोगों की चिंताओं और आपत्तियों का समाधान किया जा सके। उनका कहना है कि परियोजनाएं उनके लिए लाभकारी नहीं हैं। प्रांत में सीपीईसी परियोजनाओं को लेकर वहां की सरकारें भी आपत्तियां उठाती रही हैं।