नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने एक मकान की कथित रूप से सील तोड़ले के मामले में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। कोर्ट इस पर आदेश बाद में देगा।
जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने मनोज तिवारी और सीलिंग मामले में निगरानी समिति के वकीलों की दलीलें सुनीं और कहा कि इस पर आदेश बाद में सुनाया जाएगा।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, मनोज तिवारी की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने बैंच से कहा कि निगरानी समिति अनधिकृत कॉलोनियों में सीलिंग अभियान चलाकर दिल्ली की जनता को भयभीत करना चाहती है। हालांकि, निगरानी समिति के वकील ने इस दावे को गलत बताया और कहा कि समिति प्रचार नहीं चाहती और उसके सदस्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें सौंपे गए कार्य का सिर्फ निष्पादन कर रहे हैं।