नई दिल्लीः मालदीव राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की सोमवार तड़के हुई घोषणा में विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहीम मोहम्मद सोलिह को जीत मिली है। सोलिह को मिली जीत से सभी आश्चर्यचकित हैं क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान वहां मौजूद पर्यवेक्षकों का आरोप था कि निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपनी जीत पक्की करने के लिए गड़बड़ियां की हैं। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार की सुबह घोषित परिणाम के अनुसार, सोलिह को 58.3 प्रतिशत मत मिले हैं। सोलिह की जीत की घोषणा होने के साथ ही सड़कें विपक्ष के समर्थकों से भर गयीं। सभी अपने हाथों में सोलिह की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पीले झंडे लिये नाच रहे थे।
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद यामीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। सोलिह को विपक्ष का समर्थन प्राप्त था। रविवार को हुए चुनाव में और कोई उम्मीदवार नहीं था क्योंकि ज्यादातर लोगों को सरकार ने जेल में डाल दिया था या निर्वासित कर दिया था। इससे पहले, देर रात सोलिह ने बढ़त मिलने के बाद यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और हार स्वीकार करने को कहा था। सोलिह ने टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में कहा था, ”मैंने यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की बात कही। उन्होंने यामीन से सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करने को कहा।
विपक्ष को गड़बड़ी का अंदेशा
विपक्षी गठबंधन का कहना है कि मालदीव निवार्चन आयोग यामीन की ओर से काम कर रहा है और पर्यवेक्षकों को अलग-अलग मतपत्रों की पुष्टि करने की अनुमति नहीं दे रही, जिससे वोट गिनती में धोखाधड़ी हो सकती है। यामीन 2013 की तरफ एक बार फिर हेर फेर कर चुनाव जीत सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पहले चरण का परिणाम रद्द करने के बाद यामीन राष्ट्रपति बने थे, जबकि पहले चरण में मोहम्मद नशीद आगे चल रहे थे।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने शुक्रवार को भारत से उनके देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आह्वान किया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चुनाव नतीजों को खारिज करने की अपील की।