नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत-मालदीव के रिश्ते नए मुकाम पर पहुंच गया है। मालदीव जाकर मोदी ने दक्षिण एशिया में समीकरण बदलने की कोशिश की। मोदी का यह दौरा इसलिए अहम है क्योंकि मालदीव में पिछले पांच साल चीन का प्रभाव काफी ज्यादा रहा।

सोलिह की शपथ के साथ ही मालदीव में चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन के शासन का अंत हो गया। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मोदी मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और मौमून अब्दुल गयूम के बगल में बैठे थे। समारोह में श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंग भी शामिल हुईं। राष्ट्रीय स्टेडियम में हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मोदी ने मालदीव और दुनिया के अन्य देशों के नेताओं से बातचीत की। इसके बाद मोदी दिल्ली के लिए वापस रवाना हो गए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति सोलिह ने पीपल्स मजलिस (संसद) में अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि मालदीव भारत के साथ अपने मौजूदा रिश्तों को और मजबूत करने का प्रयास करेगा। साथ ही मालदीव हिंद महासागर में शांति और सौहार्द्र कायम रखने के प्रयास में अपनी साझा भूमिका को सक्रिय रूप से निभाएगा। विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार 54 वर्षीय सोलिह 23 सितंबर को हुए चुनावों में सबको चौंकाते हुए विजेता बने थे और उन्होंने तब राष्ट्रपति रहे यमीन को हराया था। गौरतलब है कि सोलिह की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने ‘चीन के उपनिवेशवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया है।