नई दिल्ली : कांग्रेस अध्य हो – राहुलक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि सभी आयुवर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की अनुमति होनी चाहिए। राहुल की यह टिप्पणी उनकी पार्टी की केरल इकाई द्वारा अपनाए गए रुख से ठीक विपरीत है।
हालांकि गांधी ने माना कि इस ‘भावनात्मक मुद्दे’ पर उनकी सोच उनकी पार्टी की केरल इकाई से अलग है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने केरल के भगवान अयप्पा के मंदिर में महावारी आयु वाली महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटा दी थी।उन्होंने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के इंदौर में चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से कहा, ‘सबरीमला मामले में मेरा निजी दृष्टिकोण यह है कि महिलाएं और पुरुष बराबर हैं। (सभी) महिलाओं को सबरीमला मंदिर में जाने की अनुमति मिलनी चाहिये। हालांकि, केरल में मेरी पार्टी का दृष्टिकोण है कि सबरीमला मंदिर मामला वहां महिलाओं और पुरुषों, दोनों के लिये एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है।राहुल ने कहा, ‘..तो मेरा निजी मत और केरल में मेरी पार्टी के विचार इस मामले में अलग-अलग हैं। मेरी पार्टी केरल में वहां के मूल निवासियों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है।’
गांधी ने ये टिप्पणियां ऐसे दिन कीं जब भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय के सबरीमला मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश संबंधी आदेश को लागू करने के एलडीएफ सरकार के फैसले तथा प्रदर्शनकारियों की पुलिस द्वारा धरपकड़ के विरोध में तिरूवनंतपुरम में प्रदेश पुलिस प्रमुख के कार्यालय के सामने ‘‘भूख हड़ताल’’ की।केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गांधी के बयान का स्वागत किया और कांग्रेस प्रदेश इकाई को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि कांग्रेस की राज्य इकाई का रुख सबरीमला मुद्दे पर अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के रुख के अनुरूप नहीं है।