नई दिल्लीः पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल ने किसानों की कर्ज माफी, पाटीदार आरक्षण और राजद्रोह के मामले में जेल में बंद अपने एक साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई की मांग को लेकर गत 25 अगस्त से चल रहे उनके आमरण अनशन को 19वें दिन समाप्त कर दिया।
पाटीदार समुदाय के प्रमुख धार्मिक संगठन उमिया धाम के प्रमुख प्रहलाद पटेल, खोडलधाम के चेयरमैन नरेश पटेल और इन दोनों समेत छह संगठनों के प्रतिनिधियों के समन्वयक सी के पटेल के हाथों नींबू पानी, नारियल पानी और पानी पीकर अनशन समाप्त करने के बाद हार्दिक ने कहा कि वह अपने समाज के वरिष्ठों को सम्मान देने के लिए उनके समक्ष झुके हैं। वह सरकार के समक्ष नहीं झुके हैं।
उन्होंने कहा कि समाज के वरिष्ठजनों ने कहा है कि वे सरकार से बात करेंगे। अगर सरकार हमारी बात मानती है तो ठीक है पर अगर यह नहीं मानती तो यह माना जायेगा कि उसे हमारी जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति अपनी नाराजगी भी जाहिर की। कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले हार्दिक ने भाजपा का नाम लिये बिना कहा कि यह भी सोचना होगा कि समुदाय कब तक गुलामी की मानसिकता रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई गरीब किसानों और मात्र दस पंद्रह हजार रूपये कमाने वाले शहर के ऐसे गरीब पाटीदारों के लिए है जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा तक नहीं दिला सकते।