नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जय) के लागू होने के बाद अब सरकार इसके दूसरे चरण पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया आरंभ कर सकती है। दूसरे चरण में दस करोड़ और परिवारों को योजना के दायरे में लाया जा सकता है। हालांकि उन्हें यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त नहीं होगी बल्कि एक किफायती प्रीमियम चुकाना होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मनोज झालानी के अनुसार, 10.74 परिवार अभी इस योजना में कवर हुए हैं। इस बात पर चर्चा हुई है कि योजना को भविष्य में विस्तार देते हुए दस करोड़ और परिवारों को इस दायरे में लाया जाए। इसके लिए एक न्यूनतम प्रीमियम की राशि सुनिश्चित की जाएगी। देश में 24 करोड़ से अधिक परिवार हैं। करीब चार करोड़ परिवार सरकारी कर्मचारी होने, पूर्व कर्मचारी  होने, सेना, सीजीएचएस, ईएसआई, ईसीएचएस एवं अन्य सरकारी योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं हासिल कर रहे हैं। ‘पीएम जय’ योजना लागू होने के बाद करीब दस करोड़ परिवार बचते हैं जिन्हें अभी कोई स्वास्थ्य सुरक्षा सरकारी योजनाओं के तहत नहीं है। इन दस करोड़ परिवारों पर ‘पीएम जय’ योजना के दूसरे चरण में ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।

झालानी के अनुसार, ‘पीएम जय’ योजना की समीक्षा के बाद प्रति व्यक्ति खर्च का आकलन किया जाएगा। इससे यह आकलन करने में मदद मिल सकती है कि कितना प्रीमियम लेकर इस योजना के तहत लोगों को सुरक्षा कवर दिया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो एक हजार प्रति व्यक्ति के प्रीमियम पर इस योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जा सकता है। यानी पांच व्यक्तियों के परिवार को पांच हजार रुपये के सालाना प्रीमियम पर पांच लाख तक का चिकित्सा उपचार मिल सकता है जबकि इतनी सुविधा बीमा कंपनी से हासिल करने पर 25-30 हजार रुपये का खर्च आता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरुआती चर्चा के दौरान इस बारे में आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के मॉडल का अध्ययन करना शुरू किया गया है जहां गैर लक्षित वर्ग को भी प्रीमियम चुकाकर राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा कवरेज प्रदान करने की योजना शुरू कर रखी है।