
पंजाब की विधानसभा ने विभिन्न क्षेत्रों में जरूरी सुधारों को बढ़ावा देने के लिए आज 13 विधेयक पारित किए। इनमें स्कूली शिक्षा से लेकर आबकारी से संबंधित संशोधन वाले विधेयक भी शामिल थे।
ये विधेयक 15वीं पंजाब विधानसभा के तीसरे सत्र के आखिरी दिन पारित हुए।
पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने पंजाब सहकारी समितियां (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2017 पेश किया।
राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने पंजाब आबकारी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2017 पेश किया।
इस विधेयक में दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाई गई शराब पर रोक लगाने और सरकारी राजस्व को सुरक्षित रखने की बात शामिल है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार केरल और तमिलनाडु की आबकारी नीतियों का अध्ययन कर रही है और राज्य के लिए अगले वर्ष नई नीति लाई जाएगी।
शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2017 पेश किया जिसमें पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 1969 में जरूरी सुधारों के लिए नियम बनाने की बात शामिल है।
उन्होंने विधानसभा को बताया कि पंजाब के सरकारी स्कूलों के छात्र को 28 फरवरी तक पुस्तकें और यूनिफॉर्म मिल जाएगी।
चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। पंजाब में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर राज्य सरकार ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है और पंजाब ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है।
पंजाब के राज्यपाल द्वारा लागू किए गए अध्यादेशों को बदलने वाले तीन अन्य विधेयक भी सदन द्वारा पारित किए गए।
वहीं, विपक्षी पार्टियों आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब विधानसभा स्पीकर के पास विधेयकों की प्रति समय पर न मिलने की शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा उन्हें विधेयकों पर सरकार को आवश्यक और संबंधित सुझाव देने से रोकने के लिए किया गया।
आप और अकाली दल के विधायकों ने कहा कि नियम के मुताबिक विधेयक की प्रतियां उन्हें प्रस्तुत करने से 15 दिन पहले मिल जानी चाहिए थी।
( Source – PTI )