
दुनिया भर में हर साल कैंसर की वजह से करोड़ों लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में शोधकर्ताओं ने कैंसर रोगियों के खून में से उसमें घूम रही ट्यूमर कोशिकाओं :सर्कुलेटिंग ट्यूमर सेल्स: का पता लगाने और हमेशा के लिए उन्हें बाहर निकालने की 3डी तकनीक बना ली है। यह शोध कई मायनों में काफी अहम साबित हो सकता है।
सर्कुलेटिंग ट्यूमर सेल्स :सीटीसी: ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो शुरआती चरण के ट्यूमर से निकलती है और रक्तसंचार के जरिये शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती है।
इस शोध के प्रमुख वैज्ञानिक जयंत खंडारे और शाश्वत बनर्जी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘कैंसर की हजारों कोशिकाएं शुरआती चरण के ट्यूमर से जुड़ी होती है और रक्त संचार के जरिये अन्य अंगों में पहुंच जाती है। यह शरीर के अन्य अंगों में कैंसर के फैलने का मुख्य कारण है और इसे ‘मेटास्टेसिस’ कहते हैं और कैंसर के 90 प्रतिशत मरीजों की मौत का असल कारण यही है।’’ यह शोध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘एडवांस्ड मैटिरियल्स इंटरफेस’ की कवर पेज स्टोरी के रूप में प्रकाशित हुआ है। इस पत्रिका ने भारतीय शोधकर्ताओं के एक समूह को पहली बार यह सम्मान दिया है।
खंडारे ने कहा कि अरबों अन्य रक्त कोशिकाओं में बेहद कम संख्या में होने के कारण सीटीसी का पता लगाने और उसके आनुवांशिक गुणों के बारे में जानने को लेकर तकनीकी चुनौती पेश आती रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वषरें में मरीजों के खून के नमूनों से सीटीसी का पता लगाने और उसकी गणना की चुनौती से निपटने के लिए विविध डाइग्नोस्टिक तकनीक विकसित की गयी।’’
( Source – PTI )