
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को लेकर महीनों पहले से प्रशासन की तैयारियों के तमाम दावों के बावजूद यात्रा के दौरान स्थिति कुछ और ही नजर आती है। प्रदेश सरकार यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण तथा पंजीकरण की जांच समेत यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिये विभिन्न उपाय करने की बात कहती है, लेकिन चार धाम विशेषकर केदारनाथ की यात्रा करते समय स्थिति कुछ और ही नजर आती है।
प्रदेश सरकार ने चार धाम यात्रा पर जाने वालों के लिये जगह-जगह बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था कर रखी है लेकिन केदारनाथ यात्रा के लिये जब सोनप्रयाग से आप गौरीकुंड के लिये जाते हैं तो पंजीकरण जांच की कोई व्यवस्था नहीं है और इस तरह इस बात का कोई रिकार्ड नहीं होता कि कितने यात्री उपर जा रहे हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर श्री बद्रीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति के विशेष कार्याधिकारी :जन संपर्क: अनुसइया सिंह नेगी ने माना कि यात्रियों की संख्या को नियंत्रित नहीं किया जाता।
यह पूछे जाने पर कि फिर यात्रियों की संख्या का निर्धारण कैसे होता है, उन्होंने पीटीआई भाषा से फोन पर कहा कि केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिये लाइन में लगे यात्रियों की गिनती तथा हेलीकाप्टर सेवा लेने वालों के आधार पर यात्रियों की संख्या का पता लगाया जाता है। वहीं बद्रीनाथ में गाड़ियों से लिये जाने वाले पथकर के आधार पर यात्रियों की संख्या निर्धारित होती है।
हालांकि, गढ़वाल संभागीय आयुक्त कार्यालय ने कहा कि हमने रूद्रप्रयाग प्रशासन को केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की दैनिक संख्या करीब 4,000 तक नियंत्रित रखने का निर्देश दे रखा है। केदारनाथ रूद्रप्रयाग जिले में आता है। गढ़वाल संभागीय आयुक्त सी एस नपलचयाल यात्रा प्रशासन संगठन के अध्यक्ष भी हैं।
( Source – पीटीआई-भाषा )