
पनामा दस्तावेजों की जांच करने वाले जांचकर्ताओं को पता चला है कि इनमें से काफी निवेश ब्रिटेन की कर पनाहगाह कही जाने वाली ब्रिटिश वर्जिन द्वीप में किया गया है। इन दस्तावेजों में कई भारतीयों के नाम सामने आये हैं।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी: के नेतृत्व में सरकार द्वारा गठित विभिन्न एजेंसियों के समूह को दस्तावेजों की जांच से इनके ब्रिटिश वर्जिन द्वीप से जुड़े होने का पता चला है। इसके बाद ही इस संबंध में ब्रिटेन से कुछ सवालों के जवाब मांगने का फैसला किया गया है। यह जानकारी मौजूदा कर सूचना संधि के तहत मांगी जायेगी।
सीबीडीटी ने इस बारे में अपने अधिकारियों से कहा है कि वह ब्रिटिश वर्जिन द्वीप से संपर्क करने से पहले पूछताछ के लिये मजबूत मामला तैयार करें ताकि इस संबंध में जरूरी जानकारी जुटाई जा सके।
कालेधन के मामलों और विदेशी जांच के विभिन्न मामलों में इस उत्तरी कैरेबियाई द्वीपीय देश का नाम कई बार सामने आया है। आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो की जांच में इस द्वीप का नाम आया है।
सूत्रों का कहना है कि पनामा दस्तावेजों में जिनके नाम सामने आये हैं उनमें से कई लोगों.इकाइयों ने अपने कर रिटर्न में इन निवेशों के बारे में जानकारी दी है लेकिन कई और हैं जिन्होंने ऐसा नहीं किया है और अब कर विभाग उनकी जांच कर रहा है।
( Source – पीटीआई-भाषा )