
आयकर विभाग ने आज स्पष्ट किया कि कारोबारियांे और व्यापारियांे को वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री पर 2 लाख रपये के एकल लेनदेन की जानकारी अधिकारियांे को देनी होगी।
आयकर नियम, 1962 के तहत नियम 114 ई के दिशानिर्देशांे पर आयकर विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है। यह नियम इस साल अप्रैल से लागू हुआ है। कुछ हलकांे में दो लाख रपये तक के कुल नकद लेनदेन को लेकर संदेह जताया जा रहा था। कंेद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी: ने आज जारी बयान में कहा कि नियम 114 ई के उपनियम के तहत एकीकृत या कुल के नियम को बोर्ड की 6 अक्तूबर, 2016 की अधिसूचना के जरिये संशोधित किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वित्तीय लेनदेन का लेखाजोखा :एसएफटी: के तहत रिपोर्टिंग की जरूरत वस्तु एवं सेवाओं की प्रति लेनदेन दो लाख रपये की नकद प्राप्तियांे के लिए है।
आयकर नियम, 1962 के नियम 114 ई के तहत वित्तीय लेनदेन का लेखाजोखा देने का नियम 1 अप्रैल, 2016 को अस्तित्व में आया था। इसके तहत वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री पर दो लाख रपये से अधिक की नकद प्राप्तियांे का ब्योरा देने का प्रावधान है।
( Source – PTI )