
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर के इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि वह अपने तीन कॉलेजों में से किसी एक में थेलेसीमिया से पीड़ित एक छात्र को दिव्यांग श्रेणी के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश दे।
रक्त विकार से पीड़ित एक छात्र की याचिका पर अदालत ने यह आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि थेलेसीमिया काननू के तहत मान्य विकलांगताओं में से एक है और छात्र को शारीरिक रूप से विकलांग (पीडब्ल्यूडी) श्रेणी के तहत प्रवेश देने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने अपने हालिया आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता (छात्र) द्वारा मांगी गई राहत के लिए वह पात्र है। उसे एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रतिवादी संख्या एक (आईपी यूनिवर्सिटी) द्वारा किसी भी तीन कॉलेजों में से एक में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाए।” विश्वविद्यालय के तहत तीन मेडिकल कॉलेज हैं- वर्द्धमान महावीर कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम चिकित्सा कॉलेज और हिंदू राव अस्पताल तथा डॉ बाबा साहेब अंबेडकर चिकित्सा कॉलेज और अस्पताल ।
अदालत ने कहा कि यह मामला एक छात्र का था जिसमें केवल उसे पीडब्ल्यूडी कोटा के तहत प्रवेश के अधिकार से वंचित रखा गया और जिसमें उसकी कोई गलती नहीं थी।
( Source – PTI )