
भारतीय मौसम विभाग की ओर से इस साल मानसून ‘सामान्य से अच्छा’ रहने का पूर्वानुमान लगाए जाने पर महाराष्ट्र सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि राज्य के सभी 36 जिलों की आपदा प्रबंधन की अपनी-अपनी योजना होगी।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुनील दिवासे ने कहा कि यह योजना भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण पैदा होने वाली आपात स्थिति और लोगों को निकाले जाने से जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन योजना में भौगोलिक जानकारी, जनसंख्या, बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों, गांवों और अन्य जानकारियां शामिल हैं।’’ दिवासे ने कहा कि राजस्व, कृषि, पशुपालन, पुलिस, अर्धसैन्य बल, सेना, जिला प्रशासन, स्थानीय निकाय प्रशासन एवं अन्य विभागों और एजेंसियों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं तय की गई हैं।
आपदा से निपटने के लिए ऐसे 14 प्रमुख विभागों को शामिल किया गया है और हर विभाग को प्राकृतिक आपदा के समय के लिए विशेष काम सौंपा गया है।
उन्होंने कहा कि अब प्रशासन प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला स्तर पर मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहा है। ये प्रशिक्षक बदले में गांवों और तालूका स्तर पर प्रमुख लोगों को प्रशिक्षण देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन रेडियो जिंगल, विज्ञापनों और अन्य तरीकों से लोगों को बता रहा है कि बिजली गिरने, बाढ़ आने, भारी गर्मी पड़ने या अन्य प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में क्या करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अलर्ट जारी होने के बाद बचाव के जरूरी उपाय करना लोगों पर निर्भर है।
भारतीय मौसम विभाग प्रतिदिन के आधार पर और अगले पांच दिन के लिए मौसम की भविष्यवाणी जारी करता है। वह किसानों को सलाह देता है कि उन्हें कब फसल की बुआई शुरू करनी चाहिए और कब कीटनाशकों का छिड़काव शुरू करना चाहिए।
( Source – पीटीआई-भाषा )