
कृषि क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ के किसान दोनों राज्यों में खेती के क्षेत्र में हो रहे प्रयोगों पर अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने आज कहा, ‘‘दोनों राज्यों की जलवायु और मिट्टी की किस्में अलग-अलग हैं। नए विचारों और बेहतरीन कार्य-व्यवहारों के आदान प्रदान से दोनों राज्यों को उत्पादकता बढ़ाने के अलावा कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।’’ उन्होंने बताया कि छ}ाीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के बीच पिछले दिनों कोटा में आयोजित बैठक में इसके लिए सहमति बनी।
अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने बैठक में छ}ाीसगढ़ के 50 किसानों को राजस्थान की उन्नत खेती के अध्ययन के लिए जयपुर भेजने की सहमति जताई जहां वे 9-11 नवम्बर तक आयोजित हो रहे कृषि प्रौद्योगिकी मेले में शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सिंह ने राजस्थान के कृषि मंत्री और किसानों को भी छ}ाीसगढ़ के अध्ययन दौरे पर आमंत्रित किया है।
रमन सिंह से चर्चा के दौरान राजस्थान के कृषि मंत्री सैनी ने छ}ाीसगढ़ में उन्नत खेती के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों की प्रशंसा की।
सैनी ने कहा कि छ}ाीसगढ़ ने विगत लगभग 12 वर्ष में रबी और खरीफ फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी के क्षेत्र में भी शानदार कामयाबी हासिल की है।
इधर सिंह ने भी राजस्थान में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए हो रहे नए प्रयोगों की तारीफ की। उन्होंने राजस्थान के किसानों के दल को उद्यानिकी फसलों की जानकारी लेने छ}ाीसगढ़ के अध्ययन दौरे पर आने का आमंत्रण दिया।
सिंह ने कहा कि छ}ाीसगढ़ में उद्यानिकी के क्षेत्र में अमरूद, नींबू, सीताफल एवं बेर के संकुल तैयार कराये गये हैं। सडकों के किनारे काजू के पेड़ लगाने का काम व्यापक स्तर पर किया गया है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में विषम परिस्थितियों के बावजूद वहां की सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों की खेती, बूंद-बूंद सिंचाई पद्घति तथा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे नवीन प्रयोगों की सराहना की।
( Source – पीटीआई-भाषा )