नई दिल्ली। अप्रेल 05, 2020। तबलीगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज की देश व्यापी करतूतों के कारण सम्पूर्ण भारत आज गम्भीर संकट में है. विश्व हिन्दू परिषद् ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महा-सचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तब्लीकी जमात के आर्थिक श्रोतों का पता लगाकर उसके बेंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलम्ब विराम लगाया जाए.  

        उन्होंने कहा कि 8 दिन के लाकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था। कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गई थी। तभी 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में एक भयंकर विस्फोट हुआ। वहां से 2300 से अधिक तब्लीगियों को निकाला गया जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा। 9 हजार से अधिक तबलीगी  पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं। 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02% हो गई। सारा देश सकते में आ गया। मस्जिदों मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धरपकड़ होने लगी। इनके कारण सामुदायिक संक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई। 1415 मार्च को मुंबई में से 3 लाख तबलीगीयों का इज्तेमा होना वाला था। विहिप के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया। अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर महाराष्ट्र के साथ पूरे देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती !

        डॉ जैन ने कहा कि अपने इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जगह इन संक्रमित मौलवियों को छुपाने के लिए पुलिस-कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को देश की पचासियों बस्तियों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इनकी ही जान बचाने गए डॉक्टरों पर हमले किए गए। क्वॉरेंटाइन किए गए तब्लीगी नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने लगे और डॉक्टरों पर थूकने लगे। नरेला के क्वॉरेंटाइन सेंटर में तो सेना के चिकित्सकों और सैनिकों को ही बुलाना पड़ा।  केवल निजामुद्दीन में ही नहीं, देश भर में मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने वाले भाषण भी दिए। बंगाल के एक मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने तो नमाजियों को भड़काते हुए यहां तक कह दिया कि अल्लाह ऐसा वायरस भेजें जिससे 50 करोड़ हिंदू खत्म हो जाए। 

        विहिप के संयुक्त महा सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है। संपूर्ण देश तब्लीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित व खिन्न है। ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है.  

         1926 में निजामुद्दीन से प्रारंभ तबलीग, हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण की सफलता से उत्साहित होकर आज विश्व के 80 से अधिक देशों में कम से कम 8 करोड़ लोगों को अपनी कुत्सित मानसिकता से संक्रमित कर चुका है। आज इसके निजामुद्दीन मुख्यालय से प्रशिक्षित होकर लाखों तबलीगी संपूर्ण विश्व में कट्टरता व आतंक फैला रहे हैं। विश्व के अधिकांश आतंकी संगठनों को प्रारंभ करने वाले भी तबलीग से जुड़े रहे हैं। अमेरिकी ट्रेड सेंटर के हत्यारों से लेकर गोधरा में 59 हिंदुओं को जिंदा जलाने वालों तक के सम्बन्ध मरकज से रहे हैं।

विहिप की मांग है कि ;

1.     भारत में तब्लीगियों और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

2.     निजामुद्दीन मरकज के भवन और इससे जुड़े बैंक खातों को अविलंब सील किया जाए।

3.     इन के आर्थिक स्रोतों का पता लगाकर इन को बंद कर देना चाहिए।

4.     इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की सूची विदेश व गृह मंत्रालय को देकर क्या मरकज ने इसकी स्वीकृति ली थी ?

टूरिस्ट वीजा पर जेहादी प्रशिक्षण व कट्टर इस्लाम का प्रचार करने वाले मौलवीयों पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई ? संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए।

जारीकर्ता
विनोद बंसल

Join the Conversation

2 Comments

Leave a Reply to इंसान Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  1. आज विश्व में सम्पूर्ण मानव जाति पर कोरोनावायरस जैसी महामारी के संकट को देखते कोई भी मनुष्य तब्लीगियों द्वारा की गई करतूत को राष्ट्र व राष्ट्र की न्याय व विधि व्यवस्था के विरुद्ध अपराध मानेगा| और, अवश्य ही विश्व हिन्दू परिषद द्वारा उठाई गई मांग पर तुरंत कारवाई करते दोषी पाए गए लोगों अथवा संस्थाओं को उनके अपराध के लिए उचित दंड दिया जा सके|

    तिस पर मैं कहूंगा कि इस समाचार को राजनीति के नहीं बल्कि अपराध के अंतर्गत प्रस्तुत करना होगा ताकि राजनीति के अंतर्गत विषय पर लिखे अन्य किसी आलेख/समाचार को लेकर तब्लीगियों के कारण उत्पन्न देश में भयंकर वातावरण के लिए पूर्व सत्ता में रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व उनसे जुड़े अन्य राजनीतिक दलों को जवाबदेही के लिए कहा जा सके| उन्हें बताना होगा कि Societies Registration Act, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत किये गए तब्लीगियों से क्या आज इक्कीसवीं सदी में ऐसा अपराध किये जाने की संभावना थी विशेषकर जब १९४७ में इस समूह के लिए पाकिस्तान बन चुका था|

  2. आज विश्व में सम्पूर्ण मानव जाति पर कोरोनावायरस जैसी महामारी के संकट को देखते कोई भी मनुष्य तब्लीगियों द्वारा की गई करतूत को राष्ट्र व राष्ट्र की न्याय व विधि व्यवस्था के विरुद्ध अपराध मानेगा| और, अवश्य ही विश्व हिन्दू परिषद द्वारा उठाई गई मांग पर तुरंत कारवाई करते दोषी पाए गए लोगों अथवा संस्थाओं को उनके अपराध के लिए उचित दंड दिया जा सके|

    तिस पर मैं कहूंगा कि इस समाचार को राजनीति के नहीं बल्कि अपराध के अंतर्गत प्रस्तुत करना होगा ताकि राजनीति के अंतर्गत विषय पर लिखे अन्य किसी आलेख/समाचार को लेकर तब्लीगियों के कारण उत्पन्न देश में भयंकर वातावरण के लिए पूर्व सत्ता में रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व उनसे जुड़े अन्य राजनीतिक दलों को जवाबदेही के लिए कहा जा सके| उन्हें बताना होगा कि Societies Registration Act, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत किये गए तब्लीगियों से क्या आज इक्कीसवीं सदी में ऐसा अपराध किये जाने की संभावना थी विशेषकर जब १९४७ में इस समूह के लिए पाकिस्तान बन चूका था|