
दक्षिण-पश्चिमी मानसून पूरे उत्तर प्रदेश में बरस रहा है। मगर खासकर पूर्वी हिस्सों में इसकी तीव्रता ज्यादा है। जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वष्रा की वजह से गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा और राप्ती नदियां उफान पर हैं।
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के पूर्वी भागों में मानसून सक्रिय है और पिछले 24 घंटे के दौरान इन हिस्सों में अनेक स्थानों पर बारिश हुई। कुछ जगहों पर भारी वष्रा भी हुई। पश्चिमी हिस्सों में मानसून की स्थिति सामान्य है और इस अवधि में इन इलाकों के कुछ स्थानों पर वष्रा हुई।
पिछले 24 घंटे के दौरान काकरधारी :बहराइच: और बर्डघाट :गोरखपुर: में 10-10 सेंटीमीटर वष्रा हुई। इसके अलावा गोरखपुर में नौ, भिनगा :श्रावस्ती: में आठ, निघासन :लखीमपुर खीरी: में सात, बांसगांव :गोरखपुर: तथा कैसरगंज :बहराइच: में छह-छह सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गयी।
अगले 24 घंटे के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश का अनुमान है। अगले 48 घंटे के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में अनेक जगहों पर वष्रा होने का अनुमान है।
इस बीच, केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वष्रा की वजह से गंगा, यमुना, शारदा, घाघरा और राप्ती नदियां उफान पर हैं। शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से एक मीटर से भी ज्यादा उपर बह रही है। वहीं शारदानगर में इसका जलस्तर लाल चिहन के नजदीक पहुंच चुका है।
घाघरा नदी एल्गिनब्रिज और अयोध्या में खतरे के निशान को पार कर चुकी है, वहीं तुर्तीपार :बलिया: में इसका जलस्तर लाल चिहन के करीब पहुंच चुका है।
गंगा बलिया और फतेहगढ़ में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच रही है। यमुना नदी मावी में लाल चिहन की तरफ बढ़ रही है। वहीं, राप्ती नदी का जलस्तर भिनगा :श्रावस्ती: और बलरामपुर में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच चुका है।
नदियों में आये उफान की वजह से तटवर्ती क्षेत्रों के अनेक गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं, जिससे हजारों लोग प्रभावित हैं।
( Source – पीटीआई-भाषा )