
पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं और यहां की नमी की वजह से राष्ट्रीय राजधानी आज ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गयी। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए अधिकारियों ने सिलसिलेवार कदम उठाते हुए प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और पार्किंग शुल्क को चार गुना करने सहित कई घोषणाएं की। शहर में धुंध की मोटी परत के छाए रहने के कारण दृश्यता कम हो गयी है और उड़ान एवं रेल परिचालन प्रभावित हुआ। इस वजह से कमरों और यहां तक कि भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में सांस लेना मुश्किल हो गया। लोगों को आंखों में जलन महसूस हुई।
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर आपात स्थिति बताते हुए सरकार से अपील की है कि स्कूलों में आउटडोर खेलों और ऐसी अन्य गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।
दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों सहित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित का खतरा अधिक है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज शाम ऐलान किया कि राजधानी के प्राथमिक स्कूल कल बंद रहेंगे।
वहीं उच्चतम न्यायालय की सिफारिश पर श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) को लागू करने के लिए बनाये गये पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने कहा कि अगले नोटिस तक योजना के अनुसार गंभीर श्रेणी के लिए तय सभी उपायों पर अमल किया जाएगा।
उसने क्षेत्र की सभी राज्य सरकारों को ‘संकट की स्थिति’ के मद्देनजर ‘सम-विषम’ जैसी योजना लागू करने की तैयारी करने को कहा।
( Source – PTI )