
भारतीय चिकित्सा संघ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को बताया है कि वह प्रदूषण के उच्च स्तर के बीच दिल्ली में भारत और श्रीलंका के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच को लेकर बहुत परेशान है।
बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना और प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय को लिखे एक पत्र में आईएमए अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने कहा है कि भारत और श्रीलंका के क्रिकेट मैच से यह संदेश जाता है कि जब पीएम 2.5 का स्तर 300 से अधिक हो तो भी बच्चों के लिए क्रिकेट खेलना सुरक्षित है।
गौरतलब है कि मैच के दौरान श्रीलंका के खिलाड़ियों को मैदान पर मास्क पहने हुए देखा गया। यह मैच कल संपन्न हुआ।
पत्र में कहा गया है, ‘‘जब खेलने की उचित परिस्थितियों पर निर्णय लिया जाता है तो बारिश और कम रोशनी पर विचार किया जाता है। हमारा सुझाव है कि मैच के लिए मानकों का आकलन करने में वातावरण के प्रदूषण को भी शामिल किया जाना चाहिए।’’ अग्रवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ता है। जब मिलीसेकंड और मिलीमीटर से अक्सर सफलता का निर्धारण होता है तो ऐसी स्थिति में वायु प्रदूषण खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर डालने वाला अहम कारक हो सकता है।
उन्होंने चिकित्सा साहित्य और पत्रिकाओं का हवाला देते हुए कहा कि देश की राजधानी में हवा की खराब गुणवत्ता से फेफड़े और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
ऐसा माना जाता है कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 151 और 200 के बीच है तो बाहरी गतिविधियों को कम किया जाना चाहिए।
( Source – PTI )