
केंद्र और रशियन फाउंडेशन फार बेसिक रिसर्च :आरएफबीआर: ने भारत-रूस परियोजना को मंजूरी दे दी है जिसके तहत वड़ोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव गायकवाड बड़ोदा विश्वविद्यालय और वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब परिष्कृत परमाणु जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।
बड़ोदा विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के डीन एन एल सिंह ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और आरएफबीआर ने भारतीय-रूसी संयुक्त परियोजना के लिए बड़ोदा विश्वविद्यालय और बीएचयू को साझा तौर पर मंजूरी दे दी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना का उद्देश्य कम से कम त्रुटि वाली परिष्कृत परमाणु जानकारी उपलब्ध करवाना है ताकि इसका इस्तेमाल नई पीढ़ी के परमाणु संयंत्रों के विकास के क्रम में परिरक्षण, निर्माण और प्रशीतन करने वाले पदाथरें को बनाने में किया जा सके और ज्यादा परमाणु बिजली बनाने के लक्ष्य की दिशा में योगदान दिया जा सके।’’ सिंह के अनुसार वह और बड़ोदा विश्विद्यालय के प्रोफेसर एस मुखर्जी बीएचयू के अजय त्यागी भारत की ओर से संयोजक होंगे जबकि रूस की ओर से प्रोफेसर यूरी कोपैच यह भूमिका निभाएंगे ।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांति निकेतन :पश्चिम बंगाल: और कोलकता के साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स संकाय के प्रमुख सदस्य भी इस परियोजना का हिस्सा होंगे।
( Source – पीटीआई-भाषा )