
भले ही आज कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए कावेरी का जल विवाद का विषय हो लेकिन सदियों से इस नदी को उन्नति और लोगों की बीच एकता को बढ़ावा देने वाली के रूप में जाना जाता है।
विख्यात तमिल लेखक कल्कि कृष्णमूर्ति के मौलिक उपन्यास ‘‘पोंनियिन सेलवन’’ के केंद्र में कावेरी नदी को रखा गया है।
अपनी किताब में कल्कि ने ऐतिहासिक दृष्टि से ज्ञात तथ्यों को एक काल्पनिक कहानी में समेटते हुए चोल सम्राज्य के सुनहरे दिनों की पृष्ठभूमि में रखा है। कावेरी नदी के तट पर ही यह सम्राज्य समृद्धि की ओर अग्रसर हुआ था।
तमिल लेखक सेल्वा पुवियारासन ने कहा कि तमिल क्षेत्र में कावेरी को पोन्नी कहा जाता है, जिसका मतलब ‘‘सोने की वष्रा करने वाली’’ होता है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘यही नदी है जिसने सदियों से लोगों को उन्नति की ओर बढ़ने में मदद की।’’ पुवियारासन ने कहा कि कावेरी का लोगों पर इतना ज्यादा प्रभाव है कि वो अपनी बेटियों के नाम इस नदी के उपर रखते हैं।
( Source – पीटीआई-भाषा )