इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिये फीचर फिल्म निर्णायक मंडल की अध्यक्षता कर रहे फिल्मकार प्रियदर्शन ने आज कहा कि इसने विजेताओं के चयन में ‘‘पूरा न्याय’’ नहीं किया।
फिल्म ‘‘रूस्तम’’ में भूमिका के लिये अक्षय कुमार को इस साल का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुने जाने को लेकर प्रियदर्शन की आलोचना हुई थी।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रियदर्शन ने कहा कि सिनेमा की प्रशंसा ‘‘व्यक्तिनिष्ठ’’ हो सकती है लेकिन निर्णायक मंडल के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिये।
पुरस्कार समारोह में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘भारत ऐसा देश है जो सबसे ज्यादा फिल्में बनाता है। ..छंटाई करना मुश्किल काम था।’’ फिल्मकार ने कहा कि करीब 344 फिल्मों को विचारार्थ भेजा गया था जिनकी छंटाई का काम पांच निर्णायक मंडलों ने किया और इस प्रक्रिया में दो महीने का समय लग गया।
( Source – PTI )