
अनुसूचित जाति, जनजातियों और पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण को लेकर पिछले कुछ समय से छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार ने आज फिर दोहराया कि इन वर्गो के लिए आरक्षण था, है और रहेगा। साथ ही सरकार पदोन्नति में आरक्षण के लिए माहौल बनाने का प्रयास कर रही है।
केंद्रीय सामजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने वर्ष 2016. 17 के लिए सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की अनुदानों की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा, ‘‘सरकार की नीयत और नीति साफ है। भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आरक्षण समाप्त करने की कोई बात नहीं है और अगर किसी के दिमाग में ऐसी कोई दुर्भावना की बात है तो वे सोचते रहें। आरक्षण था, है और रहेगा।’’ पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में गहलोत ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे के इन विचारों से सहमति जतायी कि विभिन्न सचिवालयों में स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण की पक्षधर है। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि इस संबंध में माहौल बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि कांग्रेस हमें लिखित में दे दे तो हम इस पर जरूर विचार करेंगे।’’उन्होंने साथ ही कहा कि इस मामले में सभी दलों को मिलकर प्रयास करना होगा और इसके लिए एक माहौल बनाना होगा।
जातिगत जनगणना के आंकड़ों के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समय आने पर इसके आंकड़ें जारी किए जाएंगे और इस समय यह मामला गृह मंत्रालय के विचाराधीन है।
उनके मंत्रालय के लिए विभिन्न मदों में बजट में कटौती के विपक्षी सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि सरकार डॉ भीमराव अंबेडकर की सोच के आधार पर दलित और वंचित वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
( Source – पीटीआई-भाषा )