
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा एवं खान मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन 7 और 8 अक्टूबर को वडोदरा, गुजरात में आयोजित किया जायेगा। विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य वर्तमान में चल रही विभिन्न योजनाओं / कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना और बिजली, कोयला, नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श करना है।
यह सम्मेलन गुजरात सरकार द्वारा 06 से 10 अक्टूबर, 2016 तक वडोदरा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन-स्विच नेटवर्किंग एक्सपो से अलग किया जायेगा।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री और सचिव तथा उनके तहत आने वाले चार क्षेत्रों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी उज्जवल डिस्कॉम एश्योरंस योजना (उदय), सभी के लिए 24×7 बिजली, फीडर निगरानी, आईटी समर्थ शहरी एवं ग्रामीण फीडर, ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम, ऊर्जा संरक्षण, शहरी क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनों के लिए मुआवजे का अधिकार-राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू), राष्ट्रीय बिजली की मांग और राष्ट्रीय विद्युत योजना के कार्यान्वयन तथा मोबाइल एप के जरिये विद्युत की कमी और पारदर्शिता बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
उपरोक्त पहलुओं के अलावा राज्यों द्वारा भवन निर्माण में ऊर्जा संरक्षण कोड की अनिवार्यता और कृषि मांग प्रबंधन पर भी चर्चा की जाएगी। प्रगतिशील पन बिजली नीति के व्यापक पहलुओं के अंतर्गत लघु पन बिजली सहित पन बिजली विकास के लिए नीतिगत कार्रवाई पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा के साथ ही नवीकरणीय खरीद दायित्वों (आरपीओ) और नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण पत्रों (आरईसी) के अनुपालन से संबंधित मुद्दों की राज्यवार समीक्षा की जाएगी।
कोयला क्षेत्र में, कोयला कंपनियों के लिए कोयले के महत्वपूर्ण विकल्प, थर्ड पार्टी सेंपलिंग और कोयले के उपयोग में लचीलापन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
खान क्षेत्र में, प्रमुख खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी के लिए तैयारी, राज्यों में जिला खनिज कोष (डीएमएफ) का गठन, दोहन नीति और गौण खनिज नियम, खानों की स्टार रेटिंग और खान निगरानी प्रणाली (एमएसएस) के जरिए अवैध खनन को रोकने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की जाएगी।
सम्मेलन के समापन सत्र में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई टिप्पणियां और प्रतिक्रियाएं शामिल की जाएगी ।
( Source – PTI )