मुक्त विद्यालयी शिक्षा और कौशल शिक्षा बोर्ड (बीओएसएसई), सिक्किम, भारत और ग्लोबल रेनबो फाउंडेशन (जीआरएफ), मॉरीशस ने यूनेस्को नई दिल्ली के सहयोग से एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का विषय “दिव्यांगजन को शिक्षित करना, सक्षम करना और सशक्त बनाना : मुद्दे और चुनौतियां” था।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री एस. जीपी उपाध्याय, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सिक्किम सरकार, श्री एरिक फाल्ट, निदेशक और प्रतिनिधि, यूनेस्को, नई दिल्ली, प्रो. अरमोगुम परशुरामन, संस्थापक और अध्यक्ष जीआरएफ और मॉरीशस के पूर्व शिक्षा मंत्री, श्री हेमंत गोयल, बीओएसएसई के संरक्षक एवं बीओएसएसई के उपाध्यक्ष प्रो. कुलदीप करकमलों द्वारा हुआ ।
इस सम्मेलन में आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत बीओएसएसई के अध्यक्ष और संरक्षक श्री हेमंत गोयल तथा प्रो. कुलदीप अग्रवाल, बीओएसएसई के उपाध्यक्ष ने किया।
कॉन्फ्रेंस में सर्वप्रथम सिक्किम सरकार के अतिरिक्त सचिव श्री जी पी उपाध्याय ने सिक्किम में हो रहे कार्यों की बात की और दिव्यांगों को महसूस होने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया और उनकी सरकार ने उन्हें कैसे दूर कर रही है, इसके बारे में बताया, साथ ही कहा कि नई शिक्षा नीति में इसे और जोड़ने की आवश्यकता है जिससे इन बुराइयों को खतम किया जा सके ।”
यूनेस्को दिल्ली के प्रमुख श्री एरिक फाल्ट ने “विकलांगता के क्षेत्र में योगदान देकर भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर किसी को हर जगह विकलांग लोगों के साथ आसान संचार के लिए सांकेतिक भाषा सीखनी चाहिए।”
मॉरीशस के पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. अर्मोगुम ने विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में बीओएसएसई के समय पर योगदान की सराहना की और कहाँ की जीआरएफ इंडिया, UNSECO के संरक्षण में और विकलांगता के क्षेत्र में भारत सरकार के गैर सरकारी संगठनों के पूर्ण सहयोग से कार्यशालाओं/सम्मेलनों की एक श्रृंखला शुरू करेगा।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चिंतकों, प्रोफ़ेसरों ने संबोधित किया जिनमे से कुछ के उल्लेखनीय नाम है पदमश्री डॉ. उमा तुली, प्रो. एन.के. अंबष्ट, प्रो. के एम गुप्ता, प्रो. एम सी शर्मा, प्रो. एम के दास और सुश्री अनीता देवराज शामिल थे।